देहरादून। उत्तराखंड में पंचायत चुनाव पर रोक (Uttarakhand Panchayat elections stayed) लग गई है।नैनीताल हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाई है। निर्वाचन आयोग ने आरक्षण पर नोटिफिकेशन जारी नहीं किया था। बताया जा रहा है कि आरक्षण प्रक्रिया पर सरकार जवाब न दे सकी। आरक्षण पर स्थिति साफ ना होने की वजह से रोक लगाई गई है।
हाईकोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाई
बता दें कि बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार ने 9 जून को आदेश जारी करके त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Uttarakhand Panchayat elections stayed) के लिए नई नियमावली बनाई। उसके बाद 11 जून को एक आदेश के जरिए पंचायत चुनाव के लिए लागू आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित कर दिया। साथ ही इस वर्ष से नया रोटेशन लागू करने का फैसला लिया।
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याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट ने पहले से ही निर्देश दिए हैं। जिसके तहत पिछले तीन कार्यकाल से जो सीट आरक्षित वर्ग में थी, वह चौथी बार भी आरक्षित कर दी गई है। इस कारण वे पंचायत चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं। इस मामले को लेकर सरकार ने कहा कि इसी तरह (Uttarakhand Panchayat elections stayed) के कुछ मामले एकलपीठ में भी दायर हैं। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने खंडपीठ में 9 जून को जारी नियमों को भी चुनौती दी है। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खण्डपीठ ने आरक्षण को नियमों के तहत तय नहीं पाते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी है।
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