Uttarakhand News: द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित कोच सुभाष राणा ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों (National games) की मेजबानी हमारे लिए किसी सौगात से कम नहीं है. इस आयोजन के दौरान खेलों के लिए इतना बड़ा आधारभूत ढांचा उत्तराखण्ड में तैयार हो जाएगा, कि खेल प्रतिभाओं को प्रशिक्षण के लिए बाहर नहीं जाना पडे़गा.

सुभाष राणा ने कहा स्थिति ऐसी बदलेगी कि अन्य प्रदेशों के खिलाड़ी प्रशिक्षण के लिए यहां आने शुरू हो जाएंगे. कोच सुभाष राणा का यह भी कहना है कि सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ियों के अन्य प्रदेशों से खेलने पर भी रोक लग जाएगी. इस तरह से यह आयोजन खेल पलायन को भी रोकेगा.

द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित होने पर सुभाष राणा का कहना है कि जब आपके काम को मान्यता मिलती है, तो उत्साह बढ़ता है और खुशी मिलती है. 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी पर राणा ने कहा कि राष्ट्रीय खेल जहां भी होते हैं, वहां खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो जाता है. जिससे खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने और निखरने का सुअवसर मिलता है.

राणा ने कहा कि खेल का जो इंफ्रास्ट्रक्चर उत्तराखण्ड में दस-बीस वर्षों बाद तैयार होना था, वह राष्ट्रीय खेलों की वजह से कुछ दिनों में ही तैयार मिलेगा. नई प्रतिभाओं को आगे आने में इससे बहुत लाभ मिलेगा. उत्तराखण्ड खेलों में नई ऊंचाइयां प्राप्त करेगा.

कोच सुभाष राणा ने कहा कि विभिन्न खेलों में अन्य प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर रहे कई खिलाड़ी अब उत्तराखण्ड से खेलने के इच्छुक हैं. उत्तराखण्ड की शूटिंग फेडरेशन से जुडे़ सुभाष राणा के अनुसार, ऐसे कई खिलाड़ियों ने उनसे संपर्क किया है. कई खिलाड़ी खेलों की अन्य फेडरेशन से भी संपर्क कर रहे हैं.

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