Deputy CM Surinder Choudhary On Mata Vaishno Devi Landslide: जम्मू-कश्मीर के कटरा स्थित माता वैष्णो देवी लैंडस्लाइड में अबतक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं अभी भी कई लोग लापता हैं। इससे मरने वालों की संख्या बढ़ना तय है। दूसरी माता वैष्णो देवी हादसे को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने इस हादसे के लिए माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board) को जिम्मेदार ठहराया है। सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि 35 भक्तों की मौत नहीं हुई, उन्हें वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने मारा है। इस दौरान उन्होंने LG मनोज सिन्हा पर भी सवाल उठाए।
उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि जब खराब मौसम था तो आखिरकार यात्रा क्यों होने दी गई। इसका जवाब माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के CEO और जम्मू कश्मीर के LG को देना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार ने पीड़ितों के लिए बड़े पैकेज की मांग की है।
उन्होंने हादसे को लेकर श्राइन बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यहां श्राइन बोर्ड का चेयरमैन कौन है एलजी साहब है, उनको पता होना चाहिए की हाई अलर्ट क्या होता है। अगर उनको पता है कि अलर्ट क्या होता है तो यात्रा क्यों नहीं रोकी गई। इसको क्यों जारी रखा गया, जो भी गिल्टी है चाहे एलजी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कई बेगुनाह लोगों की जानें गईं हैं।
हादसा नहीं ये साजिश हैः डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम ने कहा कि वैष्णो देवी यात्रा की घटना के बारे में, एलजी मनोज सिन्हा को जवाब देना चाहिए। एलजी के कार्यकाल में पहले भी भगदड़ मची थी, जब बादल फटने और भारी बारिश का अलर्ट था, तब यात्रा क्यों नहीं रोकी गई? माता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं की मौत नहीं हुई, बल्कि उन्हें मारा गया। इसके पीछे एक आपराधिक साजिश है। इसकी जांच होनी चाहिए। मैं पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एलजी मनोज सिन्हा और अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का अनुरोध करता हूं। सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और एफआईआर भी दर्ज की जानी चाहिए।
श्राइन बोर्ड को बंद कर देना चाहिए
इधर माता वैष्णो देवी भवन मार्ग पर हुए हादसे को लेकर कटरा के लोगों में काफी ज्यादा रोश है। कटरा के लोगों के द्वारा कटरा के शालीमार्ग पार्क से होते हुए मुख्य बस स्टैंड तक प्रदर्शन किया गया। लोगों का कहना है कि इस हादसे की जिम्मेवारी श्राइम बोर्ड की लापरवाही है, इतना बड़ा हादसा कैसे हो गया? वहीं कुछ लोगों ने कहा कि माता वैष्णो देवी बोर्ड की तरफ से चलाए जा रहे वीवीआईपी कल्चर को भी श्राइन बोर्ड को बंद कर देना चाहिए।
जम्मू में बारिश ने तोड़ा 115 साल पुराना रिकॉर्ड
बता दें कि जम्मू में बारिश ने 115 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 1910 के बाद मंगलवार से बुधवार सुबह तक 24 घंटे में 380 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इससे पहले 25 सितंबर 1988 को दर्ज की गई 270.4 मिमी बारिश हुई थी, जो एक रिकॉर्ड था। 1996 में हुई भारी बारिश में यह रिकॉर्ड नहीं टूटा, तब 218.4 मिमी बारिश का रिकॉर्ड किया गया था। जम्मू के कई हिस्से मूसलाधार बारिश से तबाह हो गए हैं। राहत बचाव कार्यों के लिए भारतीय सेना को तैनात करना पड़ा है। जम्मू में हुई बारिश के कारण पड़ोसी राज्य पंजाब के कुछ हिस्सों में भी बाढ़ आ गई है।
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