पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री और भू-राजस्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने संसद में वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर आयोजित विशेष चर्चा में राष्ट्रगीत के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् केवल गीत नहीं बल्कि वह भावना है जिसने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज के भारत तक देशवासियों को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाई है।

जो वंदे मातरम् पर विवाद करें, वे मां भारती के सच्चे सपूत नहीं

सिन्हा ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि वंदे मातरम् पर विवाद उठाने वाले लोग यह सोचें कि क्या वे सचमुच मां भारती के पुत्र कहलाने योग्य हैं। उनके मुताबिक जो व्यक्ति अपनी मिट्टी धरती और संस्कृति के प्रति समर्पित नहीं है वह जनता का प्रतिनिधित्व करने का नैतिक अधिकार खो देता है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् पर राजनीति करना राष्ट्र की भावनाओं को आहत करने जैसा है।

राष्ट्रगीत भारतीय अस्मिता की आत्मा

डिप्टी सीएम ने कहा कि यह गीत केवल शब्दों का समूह नहीं बल्कि भारत की आत्मा का प्रतीक है। यह देश के स्वाभिमान त्याग, संघर्ष और समर्पण की अमर गाथा है। सिन्हा ने कहा कि आज जब वंदे मातरम् के 150 साल पूरे हो रहे हैं तब समय की मांग है कि हम इसकी राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पहचान को समझें।

जनप्रतिनिधियों को राष्ट्रभक्ति के मूल्यों पर खरा उतरना चाहिए

उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग संवैधानिक दायित्व निभाते हैं उन्हें राष्ट्रभक्ति के मूल्यों और भारत की परंपराओं को सम्मान देना चाहिए। संसद में इस चर्चा को उन्होंने राष्ट्रवादी भावना को मजबूत करने का अवसर बताया।