Vastu Shastra, Flute: वास्तु शास्त्र में बांसुरी (फ्लूट) को एक शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. यह न केवल भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय वाद्य यंत्र है, बल्कि यह घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सुख-समृद्धि लाने वाला भी माना जाता है. आइए जानते हैं कि घर में बांसुरी रखने से क्या-क्या लाभ होते हैं.
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घर में बांसुरी रखने के लाभ (Vastu Shastra, Flute)
1. नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा: बांसुरी को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. यह घर को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण बनाती है.
2. विवाद और क्लेश में कमी: यदि घर में अक्सर झगड़े या मानसिक तनाव की स्थिति बनी रहती है, तो बांसुरी रखना बेहद लाभकारी होता है. यह शांति और सामंजस्य बनाए रखने में मदद करती है.
3. आर्थिक स्थिति में सुधार: वास्तु के अनुसार, बांसुरी घर में समृद्धि और धन के प्रवाह को बढ़ाने में सहायक होती है. विशेष रूप से पीतल या चांदी की बांसुरी को अत्यंत शुभ माना गया है.
4. संतान प्राप्ति में सहायक: ऐसा माना जाता है कि यदि किसी दंपत्ति को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही हो, तो शयनकक्ष में बांसुरी रखने से लाभ होता है.
5. भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद: बांसुरी को घर में रखने से भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद बना रहता है, जिससे घर में सकारात्मकता और भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
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बांसुरी रखने के नियम (Vastu Shastra, Flute)
1. स्थान का चयन: बांसुरी को घर की उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है.
2. संख्या का चयन: एक से सात बांसुरियाँ एक साथ रखी जा सकती हैं. यदि इन्हें क्रॉस शेप (X आकार) में लगाया जाए, तो यह और भी प्रभावशाली माना जाता है.
3. सामग्री का चयन: पीतल, चांदी या लकड़ी की बनी बांसुरी सबसे उत्तम मानी जाती है.
4. मुख्य द्वार पर स्थापना: बांसुरी को घर के मुख्य द्वार पर भी लगाया जा सकता है ताकि नकारात्मक शक्तियाँ घर में प्रवेश न कर सकें.
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