Vastu tips: घर का मुख्य द्वार न केवल प्रवेश का मार्ग है, बल्कि यह घर में प्रवेश करने वाली ऊर्जा का स्वागत द्वार भी है. इसीलिए, वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार और उसके आसपास के क्षेत्र को विशेष महत्व दिया जाता है. घर की नेम प्लेट इस द्वार का एक अभिन्न हिस्सा है, जो न केवल घर और निवासियों की पहचान का प्रतीक है बल्कि घर में प्रवेश करने वाली ऊर्जा को भी प्रभावित करती है. सही दिशा, सामग्री, आकार, रंग और डिजाइन के साथ चुनी गई नेम प्लेट सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकती है और घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वास बनाए रखने में सहायक हो सकती है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार नेम प्लेट
आकार और आकृति
नेम प्लेट को हमेशा आयताकार या वर्गाकार रखना चाहिए. वृत्ताकार, त्रिकोण या अनियमित आकार की नेम प्लेटें नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं, जिससे घर में अशांति और समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं.
साफ-सुथरी और स्पष्ट
नेम प्लेट को साफ और स्पष्ट रखना चाहिए ताकि नाम और पता आसानी से पढ़ा जा सके. गंदी या धुंधली नेम प्लेट से नकारात्मक प्रभाव हो सकता है.
छेद न करें
नेम प्लेट में छेद करवाना वास्तु शास्त्र के अनुसार अशुभ माना जाता है. इससे घर के मालिक की प्रतिष्ठा पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है और आर्थिक हानि भी हो सकती है.
स्थापन की दिशा
नेम प्लेट को मुख्य द्वार के दाईं ओर लगाना शुभ माना जाता है. यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और घर में सुख-शांति और समृद्धि लाती है.
मटीरियल का चयन
नेम प्लेट के लिए लकड़ी, धातु या ऐक्रेलिक जैसी सामग्रियों का उपयोग करें. लकड़ी की नेम प्लेट विशेष रूप से शुभ मानी जाती है.
बॉउंड्री वाल के लिए कैसी होनी चाहिए नेम प्लेट
नेम प्लेट को बाउंड्री वाल के गेट पर दीवार की ऊंचाई के बीच में लगाना चाहिए. यह स्थान वास्तु के अनुसार सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है. नेम प्लेट को गेट के दाईं ओर लगाना सबसे शुभ माना जाता है. यह घर में सुख-शांति और समृद्धि लाने में सहायक होता है. अगर नेम प्लेट को बाईं ओर लगाना आवश्यक हो, तो इसे आकार में छोटा और वर्गाकार रखना चाहिए. ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.
मैन गेट के लिए कैसी होनी चाहिए नेम प्लेट
नेम प्लेट को दरवाजे के बाईं ओर लगाना शुभ माना जाता है. यह स्थान सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और घर में खुशहाली लाने में सहायक होता है. बाईं ओर लगाई गई नेम प्लेट से घर के सदस्यों का भाग्य और स्वास्थ्य बेहतर होता है. नेम प्लेट की ऊंचाई दरवाजे के आधे हिस्से के ऊपर होनी चाहिए. इसका मतलब है कि नेम प्लेट को दरवाजे की ऊपरी आधी हिस्से में लगाना चाहिए, जो सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए आदर्श होता है. दरवाजे के आधे हिस्से से नीचे लगी नेम प्लेट अशुभ मानी जाती है. यह घर और जीवन में अभाव और निराशा को बढ़ावा देती है. निचली ऊंचाई पर लगी नेम प्लेट से घर में आर्थिक तंगी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं.
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