आप में से बहुत से लोग घर में कोई न कोई मूर्ति रखते होंगे। भगवान की प्रतिमा के अलावा, घर की सजावट के लिए या अपने शौक के लिए मूर्ति रखने का ट्रेंड सा हो गया है। जहां कुछ लोग फेंगशुई या धार्मिक चिन्हों की प्रतिमा रखते हैं वहीं, कुछ लोगों को पशु-पक्षियों की मूर्ति घर में रखना पसंद होता है लेकिन वास्तु में ऐसा कहा गया है कि हर मूर्ति एक समान नहीं होती है और न ही एक सा फल प्रदान करती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर मूर्ति का अपना एक महत्व होता है और उसका अपना एक प्रभाव भी होता है जो घर और घर के सदस्यों पर नजर आता है। ऐसी ही एक मूर्ति है बैल की। कई लोग ऐसे भी होते हैं जो घर में बैल की मूर्ति या उसके सींग रखते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बैल शक्ति को दर्शाता है लेकिन क्या वाकई बैल की मूर्ति घर में रखनी चाहिए। आइए जानते हैं।

क्या घर में रखनी चाहिए बैल की मूर्ति? 

हिन्दू धर्म में बैल को नंदी जी का रूप माना जाता है। ऐसे में अगर आप बैल की मूर्ति रखना चाहते हैं तो बैल न लाकर नंदी जी की मूर्ति ला सकते हैं। घर में नंदी की मूर्ति रखना शुभ माना जाता है और नंदी प्रतिमा रखने के लिए तो वास्तु शास्त्र में भी कहा गया है। हालांकि बैल की प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए। बैल की प्रतिमा रखने से घर में नकारात्मकता आती है। ऐसा इसलिए क्योंकि बैल भार को दर्शाता है। जबकि नंदी प्रतिमा भक्ति और भगवान शिव की कृपा को दर्शाती है। बैल की प्रतिमा घर में रखने से कर्ज बढ़ता है। 


क्रोध होता है उत्तपन्न

यहां तक कि घर पर या घर के सदस्यों पर किसी न किसी प्रकार का बोझ बना रहेता है। साथ ही, बैल को आक्रामकता का प्रतीक माना गया है। ऐसे में बैल की मूर्ति घर में होने से परिवार के सदस्यों के स्वभाव में भी क्रोध उत्पन्न होता है और घर में अशांति आती है। 


रोज करनी होगी पूजा

अगर आप नंदी की प्रतिमा रखते हैं तो इस बता का ध्यान रखें कि वह कोई साधारण बैल की मूर्ति नहीं है बल्कि शिव भक्त नंदी हैं। ऐसे में उनकी रोजाना पूजा करें और नंदी की प्रतिमा के समक्ष खड़े होकर भगवन शिव का ध्यान एवं उनके मंत्रों का जाप करें।