Vat Savitri Purnima 2023: वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस बार 3 जून को व्रत रखा जाएगा. पूर्णिमा को उत्तरी भारत के प्रदेशों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, पंजाब और हरियाणा आदि में ज्यादा माना जाता है. इसलिए यह त्यौहार मुख्य रूप से इन जगहों पर ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए इस व्रत को रखती हैं.

वट सावित्री व्रत पूर्णिमा तिथि

पंचांग में बताया गया है कि पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 03 जून 2023 सुबह 11:16 पर होगा और इस तिथि का समापन 4 जून 2023 सुबह 09:11 पर हो जाएगा. ऐसे में वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 03 जून 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा. पूर्णिमा तिथि के दिन वट सावित्री व्रत विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात सहित दक्षिण भारत के क्षेत्रों में प्रचलित है.
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:15 से 03:10 तक.
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:36 से 07:00 तक.
सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 06:49 से 07:51 तक.

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत पूजा विधि

वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से पूर्व उठें.
स्नान आदि करने के बाद नए वस्त्र धारण करें.
बरगद की पेड़ की जड़ को जल अर्पित करें.
वट सावित्री व्रत कथा पढ़ें या सुनें.
वट वृक्ष के चारों ओर लाल या पीला धागा बांधकर वृक्ष की परिक्रमा करें.
परिक्रमा के समय पति की लंबी आयु की कामना करें.

वट सावित्री उपाय : करें चने का दान

वट सावित्री के दिन काले चने का दान करना चाहिए. इस दिन 2.5 किलो काले चने का दान करना चाहिए. यदि आप इतना न कर पाएं तो 1.25 किलो काले चने का दान जरूर करें. इसके अलावा वट सावित्री के दिन किसी सूने स्थान पर या मंदिर के पास जाकर पीपल का वृक्ष लगाएं. इस उपाय को करने से शनि की कृपा प्राप्त होगी.

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