रायपुर. 10 दिसंबर छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता संग्राम के प्रमथ शहीद वीरनारायण सिंह का शहादत दिवस है. प्रदेश भर में वीनारायण सिंह को आज के दिन श्रद्धांजलि दी जाती है, उनके शहादत को याद किया जाता है. लेकिन सरकार शहादत दिवस को आदिवासी सांस्कृतिक महोत्सव का स्वरूप दे कर जश्न मना रही है. ये आरोप है कांग्रेस और सर्व आदिवासी समाज का. कांग्रेस ने इसे वीरनारायण सिंह और शहादत दिवस का अपमान बताया है.
सरकार एक तरफ छत्तीसगढ़ की राजधानी में दो दिवसीय सांस्कृतिक जलसा कर रही है, तो वहीं कांग्रेस की ओर से आज शाम को जय स्तंभ चौक पर मोमबत्ती जलाकर श्रद्घांजलि दी गई. पूर्व सांसद देवव्रत सिंह ने इसे शहादत का अपमान बताया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि ये दुर्भाग्यजनक है कि श्रद्धांजलि दिवस को सांस्कृति कार्यक्रम में सरकार ने बदल दिया. छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीरनारायण सिंह के साथ मजाक है. शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विकास उपाध्याय ने वीर नारायण की स्मृतियों को याद करते हुए कहा कि आज के दिन अमर बलिदानी महानायक को यादकर उसे श्रद्धा सुमन अर्पित करने का दिन, ना कि नाचने-गाने का. ये दुर्भाग्यजनक है कि सरकार आज के दिन को महोत्सव के रूप में मना रही है.
सर्व आदिवासी समाज ने भी इसका कड़ा विरोध जताया है. सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बीपीएस नेताम ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करने के दिन सरकार नाचने-गाने का काम कर रही है. यह शहीद वीर नारायण का अपमान है. ऐसा नहीं होना चाहिए. धिक्कार है कि इस शहादत को उत्सव में बदलने का काम उनके अपने समाज के नेता और मंत्री कर रहे हैं.