Vice President Election: इलेक्शन कमिशन (Election Commission) ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होगा। 7 से 21 अगस्त अगस्त तक उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरे जाएंगे। 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा।
बता दें कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक पद से इस्तीफा दिया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 22 जुलाई को धनखड़ का इस्तीफा मंजूर कर लिया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।
इलेक्शन कमीशन ने उपराष्ट्रपति के चुनाव का पूरा शेड्यूल जारी कर दिया है। इसके मुताबिक 7 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। वहीं 21 अगस्त नामांकन की आखिरी तारीख होगी। 22 अगस्त तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। उम्मीदवार 25 अगस्त तक अपना नाम वापस ले सकेंगे। 9 सितंबर को चुनाव होगा. इसी शाम काउंटिंग होगी और रिजल्ट भी घोषित किया जाएगा।
6 स्टेप में चुन जाते हैं उपराष्ट्रपति…
स्टेप-1 : निर्वाचक मंडल का गठन करना उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल करता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामित सदस्य शामिल होते हैं।
स्टेप-2: चुनाव की अधिसूचना जारी होना निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना में नामांकन, मतदान और परिणाम की तारीखें होती हैं।
स्टेप-3: नामांकन प्रक्रिया उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसदों द्वारा प्रस्तावक और 20 सांसदों द्वारा समर्थक के रूप में हस्ताक्षर के साथ नामांकन पत्र दाखिल करना होता है।
स्टेप-4 : सांसदों के बीच प्रचार होता है केवल सांसद मतदाता होते हैं। इसलिए यह प्रचार सीमित दायरे में होता है। उम्मीदवार और उनके समर्थक दल प्रचार में शामिल होते हैं।
स्टेप-5: मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी हर सांसद मतपत्र पर प्रत्याशियों को प्राथमिकता के क्रम में (1, 2, 3…) अंकित करता है।
स्टेप-6: मतों की गिनती और परिणाम जीत के लिए कुल वैध मतों का साधारण बहुमत (50% से अधिक) प्राप्त करना होता है। रिटर्निंग ऑफिसर नतीजे की घोषणा करते हैं।
जानें प्रेसिडेंट की दौर में कौन सबसे आगेः-

माथुर मोदी-शाह के करीबी
ओम माथुर अभी सिक्किम के राज्यपाल हैं। 73 वर्षीय माथुर पार्टी के कद्दावर नेता हैं और राजस्थान से आते हैं। वे गुजरात के चुनाव प्रभारी तब रहे हैं, जब पीएम मोदी वहां के मुख्यमंत्री थे। वे मोदी के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी करीबी माने जाते हैं। माथुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रचारक रह चुके हैं।

गहलोत जातीय समीकरण में भी फिट
थावरचंद गहलोत अभी कर्नाटक के राज्यपाल हैं। 77 वर्षीय गहलोत राज्यसभा में सदन के नेता रह चुके हैं साथ ही केंद्रीय मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं। भाजपा में वे सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य भी रहे हैं। जातीय समीकरण (दलित) में भी वे फिट बैठते हैं। वह मध्य प्रदेश से हैं। उनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है।

भाजपा का बैकअप प्लान भी तैयार
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि निर्वाचन आयोग की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की तारीख घोषित होते ही इस पद के लिए एनडीए प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। यदि भाजपा के किसी प्रत्याशी के नाम पर एनडीए में सहमति बनाने में समस्या आई तो मौजूदा उप सभापति हरिवंश भी इस पद के उम्मीदवार बनाए जा सकते हैं।
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