रायपुर/रायगढ़। जिले के तमनार तहसील क्षेत्र के डोलेसरा गांव में 26 सितंबर को कोल ब्लॉक हेतु पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए आयोजित जन सुनवाई में पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने हो गए. महौल इतना गरमा गया कि पुलिसवाले और ग्रामीणों ने एक दूसरे को दौड़ाने लगे. जन सुनवाई में शामिल होने रायपुर से तमनार गए छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, कि यह अडानी और प्रशासन की मिली-भगत से प्रायोजित घटना है. क्योंकि जन सुनवाई में ग्रमीणों की ओर से शांतिपूर्ण तरीके से धरना दिया जा रहा था, विरोध किया गया था.

आलोक शुक्ला ने यह भी कहा कि इस पूरे में मामले में प्रशासन की भूमिका संदेह की दायरे में है. वहीं पुलिस की भूमिका की भी जाँच होनी चाहिए. क्योंकि गांववालों ने यह साफ कह दिया था, कि कंपनी या कोई बाहरी व्यक्ति को जन सुनवाई में नहीं घुसने दिया जाएगा. ऐसे में पुलिस वालों ने करीब 30 बाहरी लोगों को जन सुनवाई में प्रवेश कराकर महौल को बिगाड़ने की कोशिश की. इससे नाराज ग्रामीण उग्र हुए और उन्होंने बाहरी लोगों को खदेड़ना शुरू किया. जब पुलिस वालों ने भी बाहरी लोगों का ही साथ देना शुरू किया, तो उन्हें भी ग्रामीणों ने गाँव से बाहर किया, साथ-साथ पुलिस वालों ने भी ग्रमीणों को दौड़ाना शुरू किया.  आस-पास के 14 गांवों के लोगों ने प्रशासन और सरकार से यह साफ कह दिया है कि उन्हें अपने इलाके में कोयला खदान नहीं चाहिए. आलोक शुक्ला ने जन सुनवाई को निरस्त करने के साथ घटनाक्रम की जाँच की मांग की है. फिलहाल इस मामले में जिला प्रशासन या पुलिस का पक्ष नहीं मिल सका.

स्थानीय लोगों की ओर से जन सुनवाई में हुए इस घटनाक्रम के वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है. आप भी देखिए वीडियो-
https://www.facebook.com/harpal.khunte/videos/1285999871577300/