रायपुर। 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस प्रदेश भर में धूमधाम से मनाया गया. राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना की ओर से छत्तीसगढ़ महतारी महोत्सव का आयोजन किया है. डब्लू आर एस कॉलोनी में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा की पूजा के साथ लोक संस्कृति के अनेक रंग बिखरे. सुआ, करमा की बेहतरीन प्रस्तुति के साथ आखाड़ा का प्रदर्शन किया जाएगा. सुबह 11 बजे लेकर रात 9 बजे लगातार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होते रहा. इस मौके पर छत्तीसगढ़ी भाषा के उत्थान के लिए काम करने वाले विभिन्न क्षेत्रों के लोगों का सम्मान किया गया. स्वराज एक्सप्रेस को भी इस मौके पर छत्तीसगढ़ी भाषा को लेकर किए जाने वाले विभिन्न प्रयोगों के लिए सम्मानित किया गया.  वहीं शाम 6 बजे छत्तीसगढ़ महतारी की 5 हजार 1 दिए के साथ महाआरती की गई.
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल ने कहा कि यह प्रदेश के पुरखों को याद करने का दिन है, उनके त्याग, समर्पण को याद करने का दिन है. छत्तीसगढ़ को राज बने 18 वर्ष हो गए लेकिन पुरखों ने जो सपना देखा था वह पूरा ही नहीं हुआ है. ऐसे में छत्तीसगढ़ महतारी के लिए, महतारी अस्मिता के अभी लड़ाई और संघर्ष जारी है.
वहीं छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के संयोजक नंदकिशोर शुक्ल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ियों को वास्तविक हक मिलना बाकी है. राजभाषा छत्तीसगढ़ी 18 वर्ष बाद भी पढ़ाई-लिखाई, सरकारी कामकाज और रोजगार की भाषा नहीं बन पाई है. जिस छत्तीसगढ़ को लेकर 70 बरस के आंदोलन का इतिहास वैसा छत्तीसगढ़ नहीं गढ़ा जा सका. स्थापना दिवस का अवसर संकल्प लेने का है. छत्तीसगढ़ के मूलनिवासियों के गढ़ बनाने का, छत्तीसगढ़ियों के गढ़ बनाने का.
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