मध्यप्रदेश के दो अलग-अलग जिलों में दो अजगर सांपों के रेस्क्यू की खबर सामने आई है। जहां खरगोन जिले में ग्राम हेलापडावा के पास वेदा नदी में 8 फीट लंबे और करीब 50 किलो वजनी सांप का सर्प मित्र ने रेस्क्यू किया। वहीं टीकमगढ़ में एक किसान के खेत में बने कुएं में मिले 7 फीट लंबे सांप का रेस्क्यू किया गया है। वन विभाग और स्नेक केचर टीम ने दोनों सांपों का रेस्क्यू कर उन्हें जंगल में छोड़ दिया है।

खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में ग्राम हेलापडावा के पास वेदा नदी में 8 फीट लंबे और करीब 50 किलो वजनी अजगर देखा गया। इस दौरान मौके पर मौजूद वनकर्मी कीर्तिबाला अवस्थी ने सर्पमित्र अंकुश अवस्थी को इसकी सूचना दी जिसके बाद उन्होंने मौके पर पहुंचकर सांप का रेस्क्यू कर उसे जंगल में छोड़ दिया।

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चिरिया वनक्षेत्रधिकारी संजय चौहान ने बताया वनक्षेत्र में नदी किनारे नमी वाले स्थान पर अजगर पाए जाते है। जिसके चलते अक्सर ये नदी के किनारे दिख जाते है, वहीं सर्पमित्र अंकुश अवस्थी ने बताया कि सांप किसानों के मित्र और पर्यावरण हितैषी होते है। क्योंकि वे फसल को नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीट-पतंगों को खाते है। इसलिए उनका संरक्षण जरूरी है। अंकुश ने बताया कि उन्होंने अब तक 4 हजार सांप और 4 अजगर का रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई है।

किसान के खेत मे बने कुएं में मिला 7 फीट लंबा अजगर

टीकमगढ़। जिले के मलूपुरा गांव में एक किसान के खेत में बने कुएं में 7 फीट लंबा अजगर मिलने से हड़कंप मच गया। इसके बाद किसान ने आनन-फानन में वन विभाग को इसकी सूचना दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग और स्नेक सेवर टीम ने सांप को पड़कर उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया।

बता दें कि अजगर अक्सर घने जंगलों में पाए जाते हैं। मगर बारिश के दिनों में ये नदियों में ज्यादा पानी आने या भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्र की ओर आ जाते हैं। अजगर छोटे जानवरों से लेकर हिरण, लोमड़ी, बिल्ली जैसे बड़े जानवरों को भी अपना शिकार बनाकर निगल लेते हैं। हालांकि ये सांप जहरीले नहीं होते हैं।

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