रायपुर. नागा साधु और अघोरी बाबा की तपस्या जितनी कठिन होती है उतना ही उनके पास काफी अद्भुत शक्तियां भी होती हैं. नागा साधु मनुष्यों को भगवान की विशेष कृपा के बारे में बताते हैं वहीं अघोरी बाबा अपनी तांत्रिक सिद्धि से मनुष्यों की समस्याओं का निवारण करते हैं. जीवन को जीने का अघोरपंथ का अपना ही अलग अंदाज है. अघोरपंथी साधक ही अघोरी कहलाते हैं.
अधिकतर कुंभ मेले में नागा साधुओं को देखा जाता है ये साधु कुंभ में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं. देखने में हमें नागा साधु और अघोरी बाबा एक जैसे ही लगते हैं लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता है. क्या आप नागा साधु और अघोरी बाबा के बीच के मुख्य अंतर को जानते हैं. वे क्या खाते हैं, कहां रहते हैं, उनकी तपस्या कैसी होती है, वे किसकी अराधना करते हैं इत्यादि. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.