रायपुर। धान खरीदी के मामले को लेकर सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में सरकार विपक्ष के निशाने पर रही. काले कपड़े पहनकर सदन पहुंचे विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसान आत्महत्या करने की अनुमति मांग रहे है. सरकार बने एक साल ही हुआ है और किसान आत्महत्या की अनुमति मांग रहे हैं, इससे ज्यादा शर्म की बात किसी सरकार के लिए क्या हो सकती है.

जेसीसी विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश के किसानों को सरकार कोचिया कह रही है. उनके धान की जप्ती बनाई जा रही है. किसान सड़कों पर लेटने को मजबूर हो रहे हैं.

जिसके बाद पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर हंगामा शुरु हो गया. बीजेपी, जेसीसी, बसपा विधायकों का सदन में नारेबाजी शुरु कर दी. – पक्ष-विपक्ष के हंगामे के बीच स्पीकर ने स्थगन की सूचना पढ़ी.

हंगामे के बीच ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि स्पीकर स्थगन की सूचना पढ़ रहे है लेकिन ये सुनना ही नहीं चाहते. दरअसल विपक्ष ही चर्चा से भागना चाहता है. हम चाहते है किसानों के इस मामले पर सदन में चर्चा हो लेकिन विपक्ष खुद पलायन करता दिख रहा है. विपक्ष भागने का बहाना ढूंढ रहा है.

लगातार हो रहे हंगामे के बीच स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी.

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि धान खरीदी को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों को सरकार के मंत्री शिव डहरिया दलाल कह रहे हैं. ये असंसदीय है. मंत्री को माफी मांगनी चाहिए.

जिस पर शिव डहरिया ने कहा कि मैंने किसानों को नहीं कहा मेरा इशारा बीजेपी से जुड़े लोगों की ओर था. बीजेपी विधायकों ने कहा, यदि मंत्री माफी नहीं मांगेंगे तो इस पूरे सत्र के दौरान उनका बहिष्कार किया जाएगा.