रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरु होते ही बृजमोहन अग्रवाल के पारिजनों द्वारा सिरपुर के जलकी गांव में फारेस्ट लैंड पर रिसोर्ट बनाये जाने के मामले में विपक्ष ने हल्ला बोल दिया. मंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए विपक्ष ने सदन में जमकर नारेबाज़ी शुरु कर दी. भारी हंगामें के बीच सदन की कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी.
प्रश्नकाल शुरु होते ही कोंटा विधायक कवासी लखमा ने आदिवासियों की जमीन का मामला उठाया. रिसोर्ट के नाम पर जमीन पर कब्ज़ा करने के मामले में स्थगन पर चर्चा कराये जाने की मांग की. 
इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि- ये समय प्रश्नकाल का है, इसके बाद इस मुद्दे को उठाया जाए. बृजमोहन अग्रवाल का बचाव करते हुए मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने कहा- यह मामला मंत्री से जुड़ा हुआ है, इसलिए पूर्व सूचना देनी चाहिए थी. नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि ये आदिवासियों की जमीन का मामला है, इसमें आश्वासन मिलना चाहिए.

सदन की कार्यवाही शुरू होने में बाद कांग्रेस के सदस्यों ने दोबारा इस मामले को उठाया. विपक्षी सदस्य कवासी लखमा ने कहा कि ये मामला छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने वाला है. 
संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रश्नकाल में ये मामला नहीं उठाया जा सकता. विपक्ष का ये रवैया लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है. 
प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा- सरकार चर्चा से भाग नहीं रही है. लेकिन विपक्ष आगामी चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए केवल राजनीति के लिए इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहा है. 
भूपेश बघेल ने कहा- ये सरकार की विश्वसनीयता से जुड़ा मामला है. जब सरकार पर विश्वास ही नहीं है, तो उस सरकार से हम क्या सवाल पूछेंगे. 
आसन्दी ने विपक्ष ने आग्रह किया कि प्रश्नकाल बाधित ना किया जाए. इसके बाद भी सत्तापक्ष-विपक्ष के विधायकों के बीच जमकर तकरार होती रही. सदन में इस मामले में खूब हंगामा हुआ. चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने सदन में नारेबाजी की. 

आसंदी ने पक्ष-विपक्ष के सदस्यों से आग्रह करते हुए कहा कि- दोनों ही दल प्रश्नकाल की गंभीरता को समझे. इसका सम्मान करें. 

संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि- नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल चलना उनके बस में नहीं है. इस पर विपक्षी सदस्यों ने तीखी नाराजगी जताई. 

कांग्रेस विधायक दल फिर से चुने नेता प्रतिपक्ष-प्रेमप्रकाश

बहस के बीच सरकार के मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि काँग्रेस विधायक दल के नेता का अपने विधायकों पर नियंत्रण नहीं है, लिहाजा कांग्रेस को चाहिए कि नये सिरे से विधायक दल के नेता का चयन करें. 

गर्भगृह पहुंचे विपक्ष के विधायक, आसन्दी ने किया निलंबित

स्थगन की मांग को लेकर विपक्षी विधायकों का हंगामा जारी रहा. विपक्षी सदस्य इस्तीफे की मांग को लेकर गर्भगृह पहुंच गए. गर्भगृह में जमीन पर बैठकर विपक्ष की नारेबाजी जारी रही. आसंदी ने गर्भगृह में उतरकर नारेबाजी करने पर विपक्ष के सदस्यों को निलंबित कर दिया.