रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज की कार्यवाही के दौरान तीन विधेयक सर्वसम्मति से पारित किये गये. सदन में छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय स्थापना एवं संचालन संशोधन विधेयक, छत्तीसगढ़ अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक और ब्रिटिश कालीन 5 कानूनों को खत्म करने के लिए विधेयक पारित किया गया है.
विधानसभा में छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय स्थापना एवं संचालन संशोधन विधेयक पारित कर दिया गया. इस विधेयक में AAFT यूनिवर्सिटी ऑफ मीडिया एंड आर्ट्स माठ खरोरा, श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी धनेली, महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी मंगला बिलासपुर की स्थापना का प्रावधान शामिल है. विपक्ष ने श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी का नाम विधेयक में शामिल नहीं किए जाने का मामला उठाया. विपक्ष ने भेदभाव करने का आरोप लगाया. उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग की सिफारिश के आधार पर विधेयक लाया गया है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज की कार्यवाही के दौरान ब्रिटिश कालीन 5 कानूनों को खत्म करने के लिए विधेयक पारित किया गया है. जिन कानूनों को खत्म करने का प्रावधान किया गया है, उनमें छोटा नागपुर भारग्रस्त संपदा अधिनियम 1876, मध्यप्रान्त भू राजस्व अधिनियम 1881, मध्यप्रान्त किराएदारी अधिनियम 1898, मध्यप्रांत प्रतिपाल्य न्यायालय अधिनियम 1899 और मध्यप्रान्त वित्तीय आयुक्त अधिनियम 1908 शामिल हैं.
दूसरा विधेयक छत्तीसगढ़ अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक है. इसमें अधिवक्ता कल्याण निधि स्टाम्प की कीमत निचली अदालतों में 10 रुपए से 25 रुपए और उच्च न्यायालय में 25 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए करने का प्रावधान किया गया है. नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने कहा कि इस बिल की जरूरत नहीं है. इसका बोझ पक्षकारों पर अनावश्यक रूप से पड़ेगा. कल्याण निधि में सरकार को अपना योगदान बढ़ाना चाहिए. नवीन मारकंडे ने कहा कि किसी वकील की मौत पर उनके परिजनों को तीन लाख रुपए की मदद मिलेगी. इसमें आधी राशि राज्य सरकार और आधी राशि इस निधि से देने का प्रावधान है. विधि एवं विधायी मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि ये बार काउंसिल की सिफारिश है.