विक्की आर्य, शमशाबाद(विदिशा)। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के शमशाबाद में एक मरीज की जान उस वक्त खतरे में पड़ गई, जब एबुलेंस कीचड़ भरी सड़क में जा फंसी। ग्रामीणों ने धक्का लगाकर जैसे तैसे बाहर निकाला। वहीं मरीज को निजी वाहन से अस्पताल भेजा गया। हर साल इस तरह की तस्वीरें सामने आती है। सवाल जवाब होते है, लेकिन स्थिति जस की तस ही रहती है। सिस्टम के फेलियर से ग्रामीणों में काफी नाराजगी है।

मामला शमशाबाद विधानसभा के नटेरन तहसील के बांसखेड़ी गांव का है। जहां एक मरीज को लेने गई एंबुलेंस बदहाल सड़क के चलते कीचड़ में फंस गई। जिसे ग्रामीणों ने धक्का देकर निकाला। जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते एक मरीज की जान पर बन आई। नटेरन तहसील के ग्राम बांसखेड़ी में जब एक मरीज की हालत गंभीर हुई तो 108 एंबुलेंस को फोन कर बुलाया गया। जैसे तैसे एंबुलेंस गांव तक तो पहुंच गई लेकिन मरीज को लेकर लौटते समय बदहाल कीचड़ भरी सड़क में फंस गई।

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मरीज की हालत बिगड़ते देख उसे निजी वाहन से अस्पताल पहुंचाया। जहां से विदिशा के लिए रेफर कर दिया गया। जिले में यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई ग्रामीण अंचलों में सड़कों की बदहाल स्थिति होने के चलते एंबुलेंस फंसने का मामला सामने आया है।

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बांसखेड़ी गांव के रहवासियों का कहना है कि 3 किलोमीटर की इस सड़क को लेकर कई बार प्रशासन से मांग की गई है। इस मामले को लेकर जिला पंचायत सीईओ ओमप्रकाश सनोदिया का कहना है कि जनपद सीईओ और एई को मौके पर भेजा गया है, जल्द ही सड़क में सुधार किया जाएगा।

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