संदीप शर्मा, विदिशा। मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के गंजबासौदा में सरकारी शादी में वीआईपी भोजन चर्चा का विषय बन गया। दरअसल, वर और वधू पक्ष के लोगों को सादा भोजन के पैकेट वितरित किए गए, तो वहीं कर्मचारियों ने शाही भोजन का लुत्फ उठाया। इतना ही नहीं इस आयोजन में कुर्सियों की कमी भी देखने को मिली। जिसकी वजह से बाराती जमीन पर बैठे रहे।
79 जोड़ो ने लिये सात फेरे, 18 ने किया निकाह कबूल
रविवार को नवीन कृषि उपज मंडी प्रांगण में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 79 जोड़ों ने सात फेरे लिए, तो वही 18 जोड़ों ने निकाह कबूल किया। इस बड़े आयोजन में वीआईपी भोजन चर्चा का विषय बना रहा। जहां वर पक्ष और वधू पक्ष के परिजनों को सादा भोजन के पैकेट वितरित मिले, जबकि कर्मचारियों ने वीआईपी शाही भोजन का लुत्फ उठाया।
सादा और शाही भोजन
वर पक्ष और वधू पक्ष को दिए गए सादा भोजन के पैकेटों में पूरी आलू की सूखी सब्जी, गुलाब जामुन, नमकीन और अचार दिया गया। वहीं वीआईपी शाही भोजन में मटर पनीर की सब्जी, दाल तड़का, आलू की सूखी सब्जी, पुलाव, गुलाब जामुन, सिल्वर पेपर में लगी रोटियां शामिल थी।
भेदभाव का आरोप
शादी में आए मौजूद लोगों ने भोजन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि दो प्रकार के भोजन अलग-अलग देना यह उचित नहीं है। कम से कम भोजन की वीआईपी थाली दूल्हा दुल्हन को देनी चाहिए थी। इतने बड़े आयोजनों में कुर्सी की कमी भी देखी गई। जहां बाराती बनकर आए वर पक्ष के लोगों को जमीन पर बैठकर शादी संपन्न करानी पड़ी। एक तरफ सरकार भेदभाव को खत्म करने में लगी हुई है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के ही एक बड़े आयोजन में दो प्रकार का भोजन चर्चा का विषय बना है।
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