लखनऊ. प्रदेश में विद्युत सखियों को नई जिम्मेदारी मिली है. इसके तहत विद्युत सखियां अब मीटर रीडिंग का भी कार्य करेंगी. बता दें कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में एक-एक ग्राम पंचायत में मीटर रीडिंग की जिम्मेदारी विद्युत सखी को सौंपी गई है.

प्रदेश में स्वयं सहायता समूह के तहत कार्यरत महिलाओं को विद्युत सखी का नाम दिया गया है. इसके तहत वे बिजली बिल भुगतान, लंबित या बकाया बिल की वसूली के काम में लगाई गई है. इनकी तैनाती आजीविका मिशन के जरिए किया जाता है। इन्हें वसूली के एवज में कमीशन मिलता है. इसके लिए न्यूनतम योग्यता 10 पास रखा गया है.

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अब पावर कॉरपोरेशन ने इन्हें पायलट प्रोजेक्ट के तहत मीटर रीडिंग के काम में भी लगाने का फैसला किया है. पहले चरण में हर जिले की एक-एक ग्राम पंचायत में इन्हें जिम्मेदारी दी गई है. अधीक्षण अभियंता (कलेक्शन) वीपी सिंह ने सभी विद्युत वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों को सभी 75 विद्युत सखियों की सूची भेज दी है. इन सभी को उनके क्षेत्र के लिए आईडी बनवाने और मीटर रीडिंग का काम शुरू कराने के लिए कहा है.