लखनऊ. निलंबित IAS अभिषेक प्रकाश की की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उनकी संपत्ति का ब्यौरा तलब किया गया है. विजिलेंस ने अपनी जांच तेज कर दी है. हमीरपुर और अलीगढ़ में उनकी संपत्ति के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. अन्य जिलों में भी भ्रष्टाचार के जरिए खड़े किए गए उनके साम्राज्य की जांच की जा रही है.

बता दें कि डिफेंस कॉरिडोर (Defence Corridor) का ठेका देने के एवज में घूस के मामले में निलंबित चल रहे आईएएस अभिषेक प्रकाश (IAS Abhishek Prakash) के खिलाफ विजिलेंस की ओर से की जा रही जांच लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) तक पहुंच चुकी है. बीते 15 मई को विजिलेंस ने एलडीए से अभिषेक प्रकाश और उनके परिवार के नाम की संपत्तियों का ब्योरा मांगा था. विजिलेंस ने 7 दिन में अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां देने के लिए कहा था.

इसे भी पढ़ें : निलंबित IAS अभिषेक प्रकाश के करीबी पर भी कस रहा शिकंजा, जेल में निकांत जैन से पूछताछ करेगी SIT

ये है मामला

गौरतलब है कि लखनऊ के पूर्व डीएम और LDA के पूर्व VC अभिषेक प्रकाश को घूसखोरी कांड में निलंबित किया गया था. आरोप है कि उन्होंने उद्योग लगाने के बदले व्यापारी से पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की थी. गोपनीय जांच में आरोप प्रमाणित हुए. अभिषेक घूसकांड के वक्त उद्योग विभाग के अधीन इन्वेस्ट यूपी में CEO पद पर तैनात थे.

मामले में ये हैं दोषी

इस मामले में सरोजिनी नगर सब रजिस्टार ऑफिस में तैनात कर्मी, तत्कालीन एडीएम प्रशासन अमरपाल सिंह , एसडीएम संतोष कुमार, शंभू शरण सिंह, आनंद कुमार सिंह,देवेंद्र कुमार सिंह जांच में दोषी पाए गए हैं. चार तत्कालीन तहसीलदार पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है. इसके अलावा विजय कुमार सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, उमेश कुमार सिंह, मनीष त्रिपाठी, तत्कालीन नायब तहसीलदार, कविता ठाकुर और तत्कालीन लेखपाल हरिश्चंद्र , ज्ञान प्रकाश, तत्कालीन कानूनगो राधेश्याम जितेंद्र सिंह और नैंसी शुक्ला मामले में दोषी है.