रायपुर- छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने आज छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव सुनील कुजूर एवं ईओडब्ल्यू के प्रमुख जीपी सिंह से मुलाकात कर पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह के ओएसडी रहे अरुण बिसेन की पत्नी की एनआरडीए में नियुक्ति पर सवाल उठाया और इस मामले की जांच की मांग की.विकास तिवारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के बेहद करीबी रहे ओएसडी अरुण बिसेन की धर्मपत्नी श्रीमती जागेश्वरी बिसेन,जो कि एनआरडीए के कार्यालय में पदस्थ थी, जिसे अरुण बिसेन ने अपना प्रभाव और रुतबा दिखाकर मोटे वेतन पर नियुक्त करवाया था और महीने का एक लाख के लगभग मोटा वेतन भी दिलवाया जा रहा था. जबकि इस पद में प्रतिमाह दस हजार रुपया पर भी कर्मचारी मिल सकता था.विकास तिवारी ने अरुण बिसेन के पत्नी की एनआरडीए में नियुक्ति से संबंधित एक दस्तावेज भी मुख्य सचिव को सौंपा है.
 
विकास तिवारी ने कहा कि चूंकि अरुण बिसेन पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेहद करीबी थे और उनका रसूख जग जाहिर था. इसके कारण उनकी पत्नी को मोटी तनख्वाह पर नियुक्ति दी गई थी. प्रदेश प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि जहां एक और प्रदेश के मूल निवासी पच्चीस लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं और  अपंजीकृत बेरोजगार भी पच्चीस लाख हैं.इन सब को धता बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने करीबी रहे अधिकारियों के परिजनों को मोटी तनख्वाह में नियुक्ति दिलाते रहे और साथ ही एमबीए की पढ़ाई की भी छूट भी प्रदान करवाया था. प्रवक्ता विकास तिवारी ने इस नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि लगातार प्रदेश के पढ़े-लिखे बेरोजगार दर दर की ठोकर खा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन युवाओं को रोजगार हेतु नाले से गैस निकाल कर पकोड़े तलने की सलाह देते हैं और वहीं दूसरी ओर उनके ही पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह अपने कार्यकाल में अपने निकट के लोगों के परिजनों को मोटी तनख्वाह दिलवाया करते थे,  जिससे कि वह छप्पन भोग खा सकें.प्रवक्ता विकास तिवारी ने इस नियुक्ति पर जांच करने की मांग की है.