रजनी ठाकुर, रायपुर। दीवाली दीयों का त्यौहार है, रौशनी  का त्यौहार है, कल दीवाली है. ऐसे में जब पूरा देश दीवाली का जश्न मन रहा होगा, छत्तीसगढ़ का एक गांव ऐसा होगा जहाँ ना तो  दिए जलेंगे, ना ही पकवान बनाए जाएंगे बल्कि पूरा गांव अनशन पर बैठेगा. राखी गांव जिसे उजाड़कर छत्तीसगढ़ सरकार नई राजधानी बना रही है. यहां अब नया रायपुर बसाया जा रहा है, इस गांव का 23 परिवार दीपावली के दिन गुरुवार को अनशन करेगा  …

कई साल पहले गांव के लोगों की ज़मीनों का अधिग्रहण कर उन्हें विस्थापित कर दिया गया था, एक दशक से भी ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन इन परिवारों को अब तक ना पूरा मुआवजा ही मिला, ना ही सही तरीके से व्यवस्थापित किया गया है और आगे भी इन्हें कोई उम्मीद की किरण नजर ही नज़र ही नहीं आ  रही है.

इन परिवारों का कहना है की जब ज़मीन ली गयी थी तब कहा गया था कि उचित तरीके से व्यवस्थापित किया जायेगा. लेकिन अब सारी उम्मीद ख़त्म हो चुकी है और यही कारण  है की पिछले 12 साल से मुआवज़े और घर की मांग लेकर भटक रहे ये  23  परिवार अब अनशन करने को मजबूर हैं. इन 23 परिवार के लोगों ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी भी लिखी है, सबसे दुखद पहलू तो यह है एक जिन लोगों ने नया रायपुर को बसाने के लिए ज़मीन दी आज वही अपने आशियाने को तरस रहे हैं.