बरेली. उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं से किसान परेशान है. बरेली के सिरौली क्षेत्र में पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह के कार्यक्रम से पहले गुरुवार को हंगामा हो गया. गांव पिपरिया उपराला में ग्रामीणों ने छुट्टा पशुओं को सड़क पर खड़ा कर पशुधन मंत्री का रास्ता रोक दिया. कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह और अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे आंवला तहसील के गुरगांवा में पशु पॉली क्लीनिक का भूमि पूजन करने जा रहे थे, लेकिन उन्हें ग्रामीणों ने रोक लिया. मंत्री और प्रमुख सचिव का काफिला करीब 40 मिनट तक फंसा रहा.

मंत्री ने ग्रामीणों को समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया, तब जाकर ग्रामीण शांत हुए. इसके बाद सड़क से छुट्टा पशुओं का हटाया गया. इससे पहले ग्रामीणों की एसडीएम से नोकझोंक हुई. एसडीएम पर अभद्रता करने का आरोप लगाया. ग्रामीणों का गुस्सा देख एसडीएम वहां से चले गए. इसके बाद आंवला के नायब तहसीलदार और सीओ को भी ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा. आंवला तहसील के गुरगांवा में पशुओं के इलाज के लिए 9.14 करोड़ रुपए की लागत से पॉली क्लीनिक बनना है. यहां पशुओं को 24 घंटे उपचार मिल सकेगा. इसका शिलान्यास करने पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह, अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे के साथ गुरगांवा जा रहे थे.

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बताया जा रहा है कि मंत्री के कार्यक्रम को लेकर सफाईकर्मियों की सड़क किनारे ड्यूटी लगाई थी ताकि पशुपालन मंत्री को छुट्टा पशु न दिख सकें. ग्रामीणों की इसकी जानकारी हुई तो आक्रोश फैल गया. गुरुवार सुबह गांव पिपरिया उपराला में ग्रामीणों ने सैकड़ों छुट्टा पशुओं को लाकर सड़क पर खड़ा कर दिया. इसी मार्ग से पशुधन मंत्री का काफिला गुजरने वाला था. इसकी जानकारी होने पर एसडीएम आंवला और इंस्पेक्टर सिसौली वहां पहुंच गए.

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आक्रोशित ग्रामीण एसडीएम से भिड़ गए. धक्कामुक्की हुई. ग्रामीणों का आक्रोश देख एसडीएम वहां से चले गए. कुछ देर बाद पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह और अपर मुख्य सचिव पशुपालन का काफिला आया तो सड़क पर छुट्टा पशुओं को खड़ा देख सबके होश उड़ गए. ग्रामीणों ने मंत्री के सामने छुट्टा पशुओं की समस्या को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. मंत्री धर्मपाल सिंह ने ग्रामीणों को समझाया. उन्हें आश्वासन दिया कि इलाके में ग्रामसभा की जमीन देख गोआश्रय स्थल बनवाकर समस्या से निजात दिलाई जाएगी. मंत्री के आश्वासन के बाद ग्रामीण माने.

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