धमतरी। अल्पवर्षा के चलते खरीफ की फसल सूखने की स्थिति में है, खेतों में दरारें पड़ गई है। ऐसे हालात में किसान फसल को लेकर खासे फिक्रमंद है तो वहीं हर साल सिंचाई के अभाव में फसल बर्बाद होने के डर से किसानों ने खुद ही नाला तैयार करने में जुट गए है ताकि आने वाले दिनों में किसानों को पानी की समस्या से दो चार न होना पड़े। मौजूदा वक्त में किसानो ने अपने अथक प्रयासों से जमीन खोदकर तकरीबन डेढ़ किलोमीटर नाला तैयार कर दिया है।

मगरलोड इलाके के केकराखोली सहित धनबुड़ा, देवगांव और भालूचुहा में रहने वाले किसानों ने यह मिसाल पेश की है। इलाके के किसान पिछले तीन सालों से अमलीकोन्हा स्थित एक बड़े नाले में स्टापडेम की मांग कर रहे थे। लेकिन सिंचाई की समस्या से निबटने जब प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए तो किसानो नेे फसल को बचाने के लिए खुद ही नाली की खुदाई शुरू दी.

महीने भर की जददोजहद के बाद एक-एक पत्थर तोड़कर डेढ़ किलोमीटर का एक लंबी संकरी नाली बना दिया। हालांकि किसानों का राह इतना आसान नहीं है क्योकि नाली बनाने में बड़े बड़े पत्थर रोड़ा बन सकती है। किसान लीलाराम सिन्हा,तोषण लाल साहू बताते है कि विगत एक माह से सभी इस काम को अंजाम देने में जुटे है और इसे पूरा करने में एक महीने से ज्यादा  लग सकता है। किसानों की मेहनत गर कामयाब होती है तो कुछ दिनो बाद खेतो की प्यास बुझाने के साथ साथ गांव में पेयजल और निस्तारी की समस्या भी दूर हो जाएगी।

इस इलाके में स्टापडेम बनने से चार गांवों में करीब 2500 एकड़ को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा । यही वजह कि किसान पिछले कई सालो से स्टाफडेम की मांग कर रहे है लेकिन किसानो की मांग पूरी नही हो पायी। जिसके बाद इस साल अल्पवर्षा की स्थिति को देखते हुए किसानो ने स्वयं बिना किसी सहयोग और श्रमदान के जरिये नाली बनाने का फैसला लिया और मौजूदा वक्त में किसान अपने मंजिल की नजदीक पहुंच चुकी है। किसान शंकरलाल,भूपेन्द्रदास मानिकपुरी बताते है कि वे रोजाना बारी बारी से 50 की संख्या में इस कार्य को करने में जुट जाते है।