रोहित कश्यप, मुंगेली. अचानकमार टाइगर रिजर्व के सुरही एव अतरिया के ग्रामीण विस्थापन की लटकी हुई लंबित प्रकिया से बेहद परेशान हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनयादी सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है.ग्रामीणों ने भाजपा नेत्री शीलू साहू के नेतृत्व में इन सारी समस्याओं को लेकर मुंगेली कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा है.

ज्ञापन में कहा गया है कि, इन गांव के लोगों को जंगल से बाहर विस्थापित करने के लिये लंबे समय से चयन तो किया गया है, मगर विस्थापन का कार्य आज भी अधर में लटका हुआ है. जिसके चलते यहां न तो कोई विकास कार्य हो पा रहा है और ना ही बुनियादी सुविधाओं का लाभ इन्हें मिल पा रहा है. यही वजह है कि ग्रामीण अपने अधिकार को लेकर लामबंद होते नजर आ रहे हैं.

इधर भाजपा नेत्री शीलू साहू ने ज्ञापन के माध्यम से चेतावनी दी है कि, जल्द ही विस्थापन की प्रकिया में तेजी नहीं लाई गई तो वे ग्रामीणों के साथ सड़क की लड़ाई लड़ेगी और जंगल से लेकर कलेक्ट्रेट तक वे ग्रामीणों के साथ पैदल मार्च करेंगी.

क्या है इस गांव के लोगों की मांग

दरअसल, अचानकमार टाइगर रिजर्व के अतरिया एव सुरही के ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में मांग किया है कि वे ATR से बाहर निकलकर खुड़िया रेंज भूत कछार व बिजराकछार में बसना चाहते हैं. लेकिन इसके लिए जीवनयापन के लिए दी जाने वाली विस्थापन की राशि 15 से बढ़ाकर 25 लाख किया जाए. इसके साथ ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य की उचित व्यवस्था व रहने के लिए मकान और कृषि योग्य खेती की व्यवस्था किया जाए. वहीं ग्रामीणों की यह भी मांग है कि पेयजल, निस्तारी से लेकर खेतों की सिंचाई के लिए पर्याप्त रूप से पानी का इंतजाम किया जाना चाहिए. ग्रामीणों का कहना है उनके इन तमाम मांगों पर स्वीकृति मिलते ही वे लोग विस्थापित होने के लिए तैयार हैं.

प्रभारी मंत्री ने कही यह बात

बता दें कि, एटीआर के कोर एरिया के करीब 25 गांव को विस्थापित किया जाना है. जिसमें 20 फरवरी 2009 को अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया का नोटिफिकेशन जारी हुआ और उसके बाद यहां के 25 में से छह गांव जल्दा, कूबा, सांभरधसान, बोकराकछार,बांकल, बहाउड़ से पहले चरण में विस्थापन की कार्रवाई की गई. बाकी गांवों का विस्थापन होना लम्बे समय से लंबित है, जिससे प्रभावित ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं इस मामले में मुंगेली पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री गुरु रुद्र कुमार से ग्रामीणों की समस्या के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि, विस्थापन के लिए सेंट्रल से अनुमति लेनी पड़ती है. इसके अलावा इसके लिए एक लंबी प्रकिया से गुजरना पड़ता है. नियमानुसार इस कार्य में राज्य सरकार जो कर सकती है वो हरसंभव प्रयास कर रही है. विस्थापित होना चाह रहे गांवों का जल्द विस्थापन किया जा सके. इसके लिए सरकार प्रयासरत है.वहीं उन्होंने यह भी कहा कि विस्थापन के लिए चयनित गांव के लोगो को बुनयादी सुविधाएं मिल सके इसके लिए भी सरकार काम कर रही है.