पंकज सिंह भदौरिया,दंतेवाड़ा. एक बार फिर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई का ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया है. ग्रामीणों का आरोप है कि पढ़ने वाले बच्चों को पुलिस नक्सली बता रही है. पुलिस ने पहले 5 बच्चों को पूछताछ के लिए थाने बुलाया, जिसमें से 2 बच्चों को पूछताछ के बाद रिहा कर दिया गया, 1 को पूछताछ के बाद रोक लिया गया और 2 को जेल भेज दिया गया. ग्रामीणों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया है.
मामला किरंदुल थानातर्गत गुनियापाल का है. जहां मंगलवार को किरंदुल पुलिस ने गांव के हेमंत, अजय तेलाम, लक्षमण कुंजाम, महेश कुंजाम और दासु मिडियामी को थाने बुलाया. नहीं आने पर झूठे मामले में जेल भेजने की धमकी दी. पुलिस से मिली इस धमकी के बाद सभी बच्चें पुलिस के पास पहुंच गये. पुलिस ने पांच में से दो बच्चों अजय तेलाम और दाशु मिडियामी को पूछताछ के बाद छोड़ दिया और एक बच्चे महेश करतम को थाने में ही रोक लिया. दो अन्य बच्चों हेमंत पोडियम और लक्ष्मण कुंजाम को पुलिस ने जेल भेज दिया. पुलिस की इस कार्रवाई का ग्रामीणों द्वारा विरोध किया जा रहा है.
वही पुलिस का दावा है कि पकड़े गये सभी आरोपी चोलनार ब्लास्ट में शामिल थे. जिसके कारण इनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है.
बता दें कि 20 मई को दंतेवाड़ा के चोलनार नक्सली ब्लास्ट में 7 जवान शहीद हो गए हैं. सभी जवान जिला पुलिस बल के थे. जिला पुलिस के जवान जगरगुंडा से लौट रहे थे. ब्लास्ट में 50 किलो के आईईडी का इस्तेमाल किया गया है. जिसके बाद जानकारी मिल रही थी कि नक्सलियों ने पूरे घटना को सुनोयित तरीके से अंजाम दिया है. सूत्रों के अनुसार घटना में 150 से 200 के आस पास नक्सली मौजूद थे. पुलिस वाहन को उड़ाने में मलांगिर एरिया कमेटी के माओवादियों का हाथ होना बताया गया. इतना ही नहीं घटना के मास्टरमाइंड के रुप में विनोद और प्रदीप का नाम सामने आया है. नक्सलियों ने इन्हीं मास्टर माइंड के सामने करीब 2 सौ मीटर की दूरी पर इलेक्ट्रॉनिक वायर बिछाकर धमाका किया था.