रमेश सिन्हा,पिथौरा। महासुमंद जिले के पिथौरा के सांकरा गांव में एक ग्रामीण परिवार पिछले 9 साल से गांव वालों का जुल्म सह रहा है. ग्राम के जनप्रतिनिधियों ने उसका हुक्का पानी बंद कर दिया है. जिससे पीड़ित परिवार परेशानियों में गुजारा बसर करने को मजबूर है. अब पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है. मामले की जानकारी अधिकारियों को लगने का बाद दोषियों पर कार्रवाई करने और पीड़ित को न्याय दिलाने की बात कही जा रही है.

पूरा मामला साल 2011 का है. जब ग्राम लारीपुर के ग्रामीण बालमिक निषाद का बेटा तिरथ निषाद गांव के ही यादव लड़की से अंतरजातीय विवाह कर लिया था. जिससे ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने पूरे परिवार को बंद कर दिया. तिरथ को स्कूल से भी सर्टिफिकेट थमा कर बेदखल कर दिया गया था. स्थिति सामान्य हो जाएगी यह सोचकर पीड़ित परिवार शांत रहा, फिर कुछ दिनों बाद पूरे परिवार का हुक्कापानी बंद कर दिया गया. पूरे परिवार के साथ सभी प्रकार के लेनदेन बंद कर दिया गया है. परिवार का जीवन यापन करने में बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है. पीड़ित और उसके परिवार को भी प्रताड़ित किया जा रहा है.

खुद की खर्च से बनाया शौचालय, नहीं मिली राशि

इतना ही नहीं 2017 में वर्तमान सरपंच के कहने पर अपने खर्चे से शौचालय निर्माण भी कराया गया था. लेकिन बाद में शौचायल की राशि की भी मांग करने पर घुमाया गया. प्रताड़ित करने के बाद पीड़ित परिवार का राशन भी बंद कर दिया गया है. जिससे उन्हें राशन मिलना भी बंद हो गया है. इसकी शिकायत भी की गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. महासमुंद कलेक्टर से भी इसकी शिकायत की जा चुकी है.

गड़बड़ी मिली तो होगी कार्रवाई

पिथौरा मुख्य कार्य पालन अधिकारी प्रदीप प्रधान का कहना है कि शौचालय की राशी के संबंध में सचिव से जानकारी लिया जाएगा. यदि सरपंच सचिव गलत किए होंगे तो कार्रवाई की जाएगी. सरकार के योजनाओं का लाभ सभी को मिलना चाहिए.

पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय

पिथौरा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मरकाम ने कहना है कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है. अब मामला संज्ञान में आया है तो गाँव जाकर जांच करेंगे. मामला सही पाया गया तो दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा.