रवि गोयल, सक्ती। क्या रेलवे एक गांव को दो हिस्सों में बांट सकता है. ऐसा ही मामला जिले के सकरेली गांव में देखने को मिल रहा है. रेलवे ने रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज के बनने के बाद सकरेली गांव के बीच से गुजरने वाले रेलवे लाइन के फाटक को बंद करने का फैसला लेते हुए वहां दीवाल खड़ा करने की तैयारी में है, जिसके विरोध में ग्रामीण सड़क पर उतर आए हैं. इसे भी पढ़ें : आपने देखा है हरा कबूतर!, फंसाने के लिए दाना-पानी के साथ साथी कबूतर का शिकारी करते हैं इस्तेमाल…

ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे ओवर ब्रिज काफी लंबा है, जिसकी वजह से अब हर छोटे-मोटे काम के लिए 2 से 3 किलोमीटर घूमकर जाना पड़ेगा. गांव में अगर किसी की मौत भी होती है तो गांव के ही श्मशान घाट जाने के लिए भी पैदल काफी घूमकर जाना पड़ेगा. ग्रामीणों ने सकरेली रेलवे क्रॉसिंग पर अंडर ब्रिज बनाए जाने के साथ फाटक को बंद नहीं करने की मांग कर रहे हैं.

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कलेक्टर से मिलने पहुंचे ग्रामीण

सकरेली गांव के सैकड़ों ग्रामीण सोमवार को अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर को अपनी समस्या से अवगत कराया. कलेक्टर अमृत विकास तोपनो ने ग्रामीणों की मांग को ध्यान में रखते हुए रेलवे के अधिकारियों को पत्र लिखा है. फिलहाल, कलेक्टर के कहने पर और लोकसभा चुनाव को देखते हुए रेलवे ने फाटक बंद करने का फैसला टाल दिया है, लेकिन चुनाव के बाद फैसला फिर बदला जा सकता है, जिसकी वजह से ग्रामीण अभी भी संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं.

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समाधान नहीं तो मतदान नहीं

रेलवे के फाटक को बंद करने के निर्णय से नाराज ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी भी दे डाली है, ऐसे में लोकसभा चुनाव के पहले सक्ती जिले के नवपदस्थ कलेक्टर अमृत विकास तोपनो के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है, क्योंकि आचार संहिता के समय नई स्वीकृति मिलना संभव नहीं है. ऐसे में अब देखना होगा कि जिला प्रशासन ग्रामीणों को कैसे मनाएगा.