रायपुर। परसा परियोजनाओं के विरोध में बाहरी लोगों के धरने पर स्थानीय खदान समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए राजस्थान राज्य विद्युत् उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा है. उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य में आबंटित परसा ईस्ट एवं परसा कोयला परियोजना को जल्दी शुरू कराने और नौकरी देने की गुहार लगाई है. ग्रामीणों ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के साथ सरगुजा और सूरजपुर कलेक्टर को भी पत्र प्रेषित किया है.

परियोजना से प्रभावित ग्राम साल्हि एवं जनार्दनपुर के ग्रामीणों ने पत्र लिखकर यह मांग की है कि उन्होंने परियोजना की स्थापना हेतु अपनी भूमि दी है तथा जिसके एवज में मुआवजा भी प्राप्त कर लिया है. पुनर्वास एवं पुनर्व्यस्थापन योजना के तहत उन्होंने रोजगार का विकल्प का चयन किया है, ताकि जल्दी से उन्हें रोजगार प्राप्त हो सके.

प्रभावित ग्रामीणों ने पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि कुछ बाहरी तत्वों द्वारा क्षेत्र के विकास को अवरुद्ध करने तथा परियोजना को शुरू होने से रोकने के उद्देश्य से पेशेवर प्रदर्शनकारी बाहर से विरोध जुटाने के लिए भारी पैसा खर्च कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें स्थानीय लोगों का समर्थन नहीं मिल पा रहा है. इन्हीं लोगों द्वारा क्षेत्र के ग्रामीणों के बीच दुष्प्रचार कर परियोजना के कार्य में अवरोध उत्पन्न किए जा रहे हैं. खदान समर्थित ग्रामीणों ने मांग की है कि परियोजना जल्द से जल्द प्रारम्भ की जाए. राजस्थान राज्य विद्युत् उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक शर्मा ने छत्तीसगढ़ राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि इन परियोजनाओं के जल्द से जल्द प्रारम्भ करने की दिशा में शीघ्र उचित कदम उठायें.

इसे भी पढ़ें : CG BREAKING: आंगनबाड़ी के खाने में गिरा था छिपकली, जहरीले खाना खाने से 16 बच्चे बीमार, जानिए कहां का है मामला

उल्लेखनीय है कि राजस्थान राज्य विद्युत् उत्पादन निगम को आबंटित परसा ईस्ट एवं परसा कोयला परियोजना न केवल राजस्थान राज्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी स्थापना से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पर भी व्यापक प्रभाव पड़ने वाला है. एक ओर जहाँ राजस्थान की 4000 मेगावाट से अधिक की विद्युत् परियोजनाओं के लिए कोयले की उपलब्धता इन परियोजनाओं से सुनिश्चित होनी है. वहीं इन परियोजनाओं की स्थापना से प्राप्त होने वाले प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष राजस्व से क्षेत्र का विकास भी सुनिश्चित होना है. इन परियोजनाओं के सुचारु रूप से प्रारम्भ होने पर अनुमानित रूप से 2000 करोड़ के राजस्व की राज्य को प्राप्ति होगी. साथ ही साथ पांच हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी प्राप्त हो सकेगा.

छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें