स्पोर्ट्स डेस्क. विनेश फोगाट ने एक चौंकाने वाले खुलासे में आरोप लगाया कि, भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह कई वर्षों से महिला पहलवानों का यौन शोषण कर रहे हैं और उन्हें हटाने के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के हस्तक्षेप की मांग की. विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता और ओलंपियन विनेश ने यह भी दावा किया कि लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर में कई कोच ने भी महिला पहलवानों का शोषण किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि शिविर में कुछ महिलाएं हैं जो डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के कहने पर पहलवानों से संपर्क करती हैं.

हालांकि, इस 28 वर्षीय पहलवान ने स्पष्ट किया कि उन्होंने खुद इस तरह के शोषण का सामना नहीं किया है. उन्होंने दावा किया कि, उन्हें डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के इशारे पर उनके करीबी अधिकारियों से जान से मारने की धमकी मिली थी, क्योंकि उन्होंने टोक्यो ओलंपिक खेलों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उनका ध्यान इन मुद्दों पर आकर्षित करने की हिम्मत दिखाई थी.

जंतर मंतर पर धरने पर बैठी शीर्ष पहलवान
दिल्ली के जंतर मंतर पर चार घंटे से अधिक समय तक धरने पर बैठने के बाद विनेश ने कहा कि, मैं कम से कम 10-12 महिला पहलवानों को जानती हूं जिन्होंने मुझे डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष से हुए यौन शोषण के बारे में बताया है. उन्होंने मुझे अपनी कहानियां सुनाई. मैं अभी उनका नाम नहीं ले सकती, लेकिन अगर हम देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिले तो मैं नामों का खुलासा जरूर कर सकती हूं.

विनेश के साथ बैठे टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया ने कहा कि, महासंघ मनमाने ढंग से चलाया जा रहा है और जब तक डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को हटाया नहीं जाता तब तक वे किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे.

दूसरे पहलवानों का मिल रहा साथ
एक अभूतपूर्व कदम में, देश के शीर्ष पहलवान डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष की ‘तानाशाही’ के विरोध में एकत्रित हुए. बजरंग, विनेश, रियो ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता सरिता मोर, संगीता फोगाट, सत्यव्रत मलिक, जितेंद्र किन्हा और राष्ट्रमंडल खेल पदक विजेता सुमित मलिक जंतर मंतर पर धरने पर बैठे 30 पहलवानों में शामिल हैं.

तानाशाही के खिलाफ आर-पार की लड़ाई : बजरंग
बजरंग ने कहा कि, हमारी लड़ाई सरकार या भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के खिलाफ नहीं है. हम डब्ल्यूएफआई के खिलाफ है. हम इसका ब्यौरा देंगे. ये तो अब आर-पार की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को हटाए जाने तक हम किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे. यह भारतीय कुश्ती को बचाने की लड़ाई है. सिंह 2011 से डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष हैं और फरवरी 2019 में लगातार तीसरी बार चुने गए.