उज्जैन। कोरोना संक्रमण की वजह से उज्जैन के जिला प्रशासन ने महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आम जनता सहित सभी वीआईपी और वीवीआईपी के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। मंदिर के गर्भगृह में केवल पुरोहितों को ही पूजा की इजाजत दी गई है। लेकिन नेताजी के रसूख के आगे क्या गाइडलाइन और क्या नियम कायदे ? नेता जी का रसूख भी ऐसा कि खुद खाखी भी चरणों पर बिछे पड़ी रही तो ऐसे में भला उन्हें नियम-कायदा बताएगा कौन ?
हम बात कर रहे हैं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की। विजयवर्गीय देर रात महाकाल मंदिर पहुंचे थे जैसे ही वे अपनी गाड़ी से नीचे उतरे तो उनके समर्थक उनका पैर छूने लगे। पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करने वालों में दूसरा नंबर एडिशनल एसपी ग्रामीण आकाश भूरिया का था। स्वागत सत्कार-आशीर्वाद के बाद कैलाश विजयवर्गीय कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन करते हुए न सिर्फ सीधे मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे बल्कि उन्होंने महाकाल पर जल भी चढ़ाया।
पत्रकारों का मोबाइल छीना
वहीं जिस वक्त कैलाश विजयवर्गीय गर्भगृह में जल चढ़ा रहे थे उस वक्त पत्रकारो को रखा गया दूर, लेकिन जो पत्रकार मोबाइल के साथ अंदर पहुंचे थे उस दौरान उनके मोबाइल फोन छीन लिये गए।
जांच के नाम पर पल्ला झाड़ा
कैलाश विजयवर्गीय द्वारा कोरोना गाइड लाइन उल्लंघन के इस मामले में मीडिया कर्मियों ने जब कलेक्टर आशीष सिंह और मंदिर समिति के अध्यक्ष से सवाल किया तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हें कोई भी जानकारी नहीं है। कलेक्टर ने कहा कि जांच करवाएंगे।
देखिये वीडियो
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