जीएस भरती, सीहोर। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता प्रभावी है। इसी बीच मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर से आचार संहिता के उल्लंघन का मामला सामने आया है। जहां चुनाव के ऐलान के बावजूद सरकारी भवनों पर सरकारी योजनाओं के विज्ञापन लगे हुए है। मामले में सीहोर के एसडीएम नितिन ताले ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की बात कही है।

जानकरी के मुताबिक आचार संहिता के उल्लंघन का यह मामला सीहोर के ग्राम पंचायत बिजोरी से सामने आया है। जहां चुनाव आयोग के सख्त निर्देश के बावजूद ग्राम पंचायत में संपत्ति विरूपण का कार्य से ठीक से नहीं किया गया और कार्य में लापरवाही बरती गई। आज भी इस ग्राम पंचायत में कई सरकारी भवनो पर सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार और मुख्यमंत्री का नाम लिखा हुआ है। मामले में सीहोर के एसडीएम नितिन ताले ने लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की बात कही है। SDM नितिन ताले ने बताया कि उक्त मामले पर पंचायत सचिव को नोटिस जारी कर दिया गया है जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

MP Election 2023: चुनावी नुक्कड़ सभा में गृहमंत्री ने कांग्रेस पर साधा निशाना, नरोत्तम बोले- 15 महीने की सरकार में गरीबों की सारी योजनाएं बंद कर दी

आचार संहिता के दौरान इनपर रहती है पाबंदी

किसी भी राज्य में चुनाव की घोषणा के बाद से ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है, सरकार की तमाम शक्तियां चुनाव आयोग के हाथ में चली जाती है। सरकार के शिलान्यास, लोकार्पण और घोषणाएं करने पर रोक रहती है। इस दौरान सरकार ऐसा कोई काम नहीं कर पाती है, जिनसे किसी भी तरह से वोट प्रभावित हो सके। वहीं किसी भी उम्मीदवार और पार्टी को जुलूस निकालने या रैली और बैठक करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होती है। इसकी जानकारी निकटतम थाने में भी देनी होती है। सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देना होती है। चुनाव के दौरान कोई भी मंत्री सरकारी दौरे को चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता। सरकारी संसाधनों का किसी भी तरह चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यहां तक कि कोई भी सत्ताधारी नेता सरकारी वाहनों और भवनों का चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता है।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus