लोकेश साहू, धमतरी। सोशल मीडिया में पिछले दिनों वायरल हुए शराब की पर्ची को लेकर सियासत काफी गरमा गई है. भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस के निर्देश पर आबकारी विभाग द्वारा पर्ची बांटकर शराब वितरण कर मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है.

पूर्व मंत्री एवं वर्तमान कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने मंगलवार को ट्विटर के जरिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि कांग्रेस शराब के सहारे चुनाव जीतना चाहती है. उन्होंने मामले में आयोग से शिकायत करने की भी बात कही थी. इधर पर्ची वायरल होने के दूसरे दिन कुरुद के भाजपाइयों ने एसडीएम दफ्तर पहुंचकर राज्य निर्वाचन आयोग सचिव के नाम एसडीएम को शिकायत पत्र सौंपा.

शिकायत पत्र में कहा है कि चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद से ही कांग्रेस के निर्देश पर आबकारी विभाग द्वारा नगर पंचायत कुरुद, मगरलोड, भखारा, आमदी एवं नगर निगम धमतरी में पर्ची के जरिये शराब बांटकर मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है. इन तथ्यों की प्रमाणिकता के लिए स्टॉक एवं कैश वेरिफिकेशन करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.

भाजपा का यह भी आरोप है कि दल विशेष की मंशा के अनुरूप निर्वाचन एवं निष्पक्ष चुनाव को प्रभावित करना निर्वाचन प्रक्रिया के विरुद्ध है. इस मामले में दंडात्मक कार्रवाई की मांग निर्वाचन आयोग से की गई है. एसडीएम कुरुद योगिता देवांगन ने निर्वाचन आयोग से निर्देश मिलने पर मामले में कार्यवाई करने की बात कही है.

पर्ची में प्लेसमेंट एजेंसी का सील

वायरल पर्ची में सुमित फैकल्टीज लिमिटेड का सील लगा हुआ है. साथ ही मोबाइल नंबर 94242 13151 भी दर्ज है. इस पर्ची में सबसे ऊपर धमतरी लिखकर पत्र वाहक को ‘पांच पेटी गोवा विदेशी मदिरा देने का कष्ट करें’ कहा गया है. बताया जा रहा है कि सुमित फैकल्टीज लिमिटेड पुणे की एक प्लेसमेंट एजेंसी है, जिसे पूरे छत्तीसगढ़ में शासकीय शराब दुकानों में शराब बिकवाने की जिम्मेदारी दी गई है. प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से ही सेल्समैन सहित अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति शराब दुकानों में की गई है.

अधिकारी ने कहा, नहीं मिली कोई पर्ची

जिला आबकारी अधिकारी मोहित कुमार जायसवाल का इस मामले में कहना है कि सुमित फैकल्टीज प्राइवेट लिमिटेड वर्तमान में काम कर रही है. लेकिन किसी भी प्रकार की कोई पर्ची जिले के किसी भी शराब दुकान में नहीं आई है. हालांकि, कोई लिखित शिकायत उन तक नही पहुंची है. लेकिन सोशल मीडिया में चल रही खबरों को संज्ञान में लेते हुए उन्होंने इस मामले में संबंधित अधिकारी कर्मचारियों को जांच करने निर्देशित किया है.