रायपुर। छत्तीसगढ़ पीएससी के प्रश्नपत्रों को लेकर उठे सवाल अब सियासी रंग लेने लगे हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कांग्रेस सरकार पर फिर से पीएससी को बदनाम करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने पीड़ित अभ्यर्थियों के साथ खड़े रहने के साथ कानूनी मदद दिलाने की बात कही है.

विष्णुदेव साय ने कहा कि कुछ संस्थाओं के प्रति जनता का विश्वास होता है. पीएससी भी ऐसी ही एक संस्था है. जब छत्तीसगढ़ बना था तब भी पीएससी को बदनाम करने की कोशिश हुई थी. उस समय के पीएससी मेम्बर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा, एफआईआर दर्ज हुई और वह भागते फिर रहे थे. बीजेपी की 15 साल तक सरकार रही कभी किसी तरह का आरोप नहीं लगा.

साय ने कहा कि अब फिर कांग्रेस की सरकार है, और ऐसे आरोप फिर से लग रहे हैं. पीएससी का हाल देखिए. कैसे विशेषज्ञ रखे जा रहे हैं. तातापानी बलरामपुर जिले में है, लेकिन उसे सूरजपुर जिले का बताया जाता है. तरस आता है सरकार पर, विषय विशेषज्ञ पर. उन्होंने कहा कि एक लड़का परीक्षा में नहीं बैठा, लेकिन उसे साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है.

इसे भी पढ़ें : नए सत्र में कब से स्कूल खोलने की है तैयारी, जानिए मंत्री टेकाम ने क्या कहा… 

बता दें कि छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के अभ्यर्थियों ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से वर्चुअल चर्चा करते हुए अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत करवाया था. इस दौरान अभ्यर्थियों ने सहायक प्राध्यापक की समस्या, इंजीनियरिंग सर्विसेज परीक्षा की समस्या एवं 20% प्रश्नों के विलोपन के अलावा परीक्षा प्रकिया में संशोधन की जानकारी दी थी. चर्चा के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय विशेष रूप से मौजूद थे.

Read more : Chhattisgarh Ranked Second by Central Department of Health and Family Welfare