विटामिन D, यानी की “धूप का विटामिन’. इसका सबसे बड़ा स्त्रोत सूरज है. इसलिए कहा जाता है कि विटामिन D की कमी है तो धूप में बैठो. इस विटामिन की कमी से हड्डियां कमजोर होती हैं, साथ ही प्रजनन क्षमता और गर्भावस्था पर असर पड़ता है. अगर, आप गर्भधारण की कोशिश कर रही हैं या पहले से ही गर्भवती हैं, तो आपके शरीर में विटामिन D की मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए. 

शाकाहारी लोगों के लिए विटामिन B12 भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनके आहार में इसका स्रोत नहीं होता. B12 भी प्रजनन के लिए आवश्यक है. आइए इस विटामिन के बारे में जानें. 

हार्मोनल संतुलन जरूरी

शरीर में हार्मोनल संतुलन होना बेहद जरूरी है, खासकर जब बात प्रजनन की हो. विटामिन D शरीर में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन्स को संतुलित रखने में सहायक है. ये हार्मोन अंडाणु के विकास और गर्भधारण के लिए जरूरी बेहद हैं. इसकी कमी से गर्भधारण की कोशिशें नाकाम हो सकती   हैं.

ओवुलेशन में सुधार लाता है

अगर आप गर्भधारण की कोशिश कर रही हैं, तो विटामिन D का पर्याप्त स्तर आपकी ओवुलेशन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है. इसकी कमी के कारण कई महिलाओं को ओवुलेशन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है. गर्भावस्था के दौरान विटामिन D  का पर्याप्त स्तर बनाए रखना जटिलताओं को कम करता है. इससे प्रीक्लेम्पसिया, गर्भकालीन मधुमेह और समय से पहले प्रसव जैसे जोखिमों को कम करने में मदद मिलती है, जिससे आपकी गर्भावस्था सुरक्षित और सुखद रहती है.

पुरुषों के लिए भी फायदेमंदविटामिन D सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं, बल्कि पुरुषों के लिए भी बेहद जरूरी है. यह पुरुषों में शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करता है. जिनमें विटामिन D की पर्याप्त मात्रा होती है, उनके शुक्राणु ज्यादा स्वस्थ और गतिशील होते हैं, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है.

आपके बच्चे के विकास में मददगारगर्भावस्था के दौरान आपके शिशु के विकास के लिए विटामिन D सबसे जरूरी है, यह बात डॉक्टर जरूर मां से पिता से कहते हैं. क्योंकि हड्डियों, दांतों और मस्तिष्क के विकास में विटामिन D का बहुत बड़ा रोल है. अगर, इसकी कमी है तो बच्चे का विकास रूक जाता है. विकृतियों आ सकती है.