हिंदू धर्म में भगवान राम और माता सीता के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाई जाने वाली विवाह पंचमी इस बार 25 नवंबर को है. ये पर्व विवाहित जोड़ों के लिए अत्यंत विशेष माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ सरल उपाय करने से दांपत्य जीवन में प्रेम, सौहार्द और सुख-समृद्धि बनी रहती है.

वैवाहिक जीवन को मधुर और खुशहाल के उपाय
विशेषज्ञों और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, आम विवाहित जोड़े इस दिन अपने वैवाहिक जीवन को मधुर और खुशहाल बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं.
सुखी दांपत्य जीवन के लिए 4 प्रमुख उपाय
- पति-पत्नी सुबह स्नान के बाद एक साथ भगवान राम और माता सीता की पूजा करें.
उपाय: माता सीता को लाल सिंदूर और सुहाग की सामग्री (जैसे चूड़ियाँ, बिंदी, मेहंदी, आदि) अर्पित करें. इसके बाद, पति-पत्नी लाल या पीले धागे से भगवान राम और माता सीता की प्रतिमाओं या चित्रों का प्रतीकात्मक गठबंधन करें.
लाभ: यह उपाय रिश्ते को मजबूत करता है और आपसी प्रेम व समझ को बढ़ाता है. - इस दिन रामचरितमानस के बालकांड में वर्णित राम-सीता विवाह प्रसंग का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है.
उपाय: यदि पूरा पाठ संभव न हो, तो कम से कम सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें.
लाभ: यह वैवाहिक जीवन में आने वाली हर प्रकार की खटास को दूर कर उसमें मिठास घोलता है. - भगवान राम और माता सीता को तुलसी पत्तों से युक्त खीर (गाय के दूध से बनी) का भोग लगाएं.
उपाय: पूजा-अर्चना के बाद, पति और पत्नी दोनों इस भोग/प्रसाद को साथ में ग्रहण करें.
लाभ: ऐसा माना जाता है कि साथ में प्रसाद ग्रहण करने से पति-पत्नी के बीच आत्मीयता बढ़ती है और रिश्ते में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. - इस दिन यथाशक्ति जरूरतमंद विवाहित जोड़ों या कन्याओं को वस्त्र, अन्न, या सुहाग की सामग्री दान करें.
उपाय: सबसे महत्वपूर्ण, पति-पत्नी इस दिन एक-दूसरे का सम्मान करें, किसी भी प्रकार के मतभेद या विवाद से बचें और एक-दूसरे से असत्य न बोलें.
लाभ: दान और सम्मान से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे वैवाहिक जीवन में सुख और सौभाग्य बना रहता है.
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