एक्टर विवेक ओबरॉय (Vivek Oberoi) को आज कौन नहीं जानता. हाल ही में उन्होंने मीडिया से बातचीत में फिल्म इंडस्ट्री काफी इनसिक्योर कहा है. उनका कहना है कि उन्हें 2007 में काम के लिए अवॉर्ड मिला तो लगा था कि कई ऑफर्स आएंगे पर ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद विवेक ओबरॉय (Vivek Oberoi) ने बिजनस करने का फैसला लिया और अपनी किस्मत खुद लिखने की ठानी.

इंडस्ट्री है इनसिक्योर

इस बातचीत में विवेक ओबरॉय (Vivek Oberoi) बोले, मैंने 22 साल में करीब 67 प्रोजेक्ट्स किए हैं लेकिन इंडस्ट्री बहुत इनसिक्योर जगह है. आप अच्छा परफॉर्म कर रहे हों, अवॉर्ड्स जीत रहे हों और एक्टर के तौर पर अपना काम कर रहे हों लेकिन उसी समय आपको दूसरी वजह से आपको काम मिलना बंद हो जाएगा. Read More – 1 साल बाद Honey Singh को आई बहन की याद, सरप्राइज देने मेलबर्न पहुंचे सिंगर …

बैठे रहे घर

बता दें कि विवेक ओबरॉय (Vivek Oberoi) बोले, ‘2007 में जब मैंने शूटआउट ऐट लोखंडवाला की थी, गनपत गाना वायरल हुआ था. मुझे अवॉर्ड मिला था, तो मुझे बहुत सारे ऑफर्स की उम्मीद थी, लेकिन मुझे एक भी नहीं मिला. मैं फिल्म सफल होने के बाद 14 से 15 महीने घर पर बैठा रहा.’ विवेक ओबरॉय (Vivek Oberoi) ने इसके बाद फैसला लिया कि वह इंडस्ट्री के भरोसे रहने के बजाय अपना खुद का पैसा कमाने के बारे में सोचेंगे. उन्होंने तय किया कि कोई बाहरी ताकत उनका भविष्य निर्धारित नहीं करेगी. Read More – Bhool Bhulaiyaa 3 का नया पोस्टर आया सामने, दीवाली पर खुलेगा तंत्र और मंत्र के साथ बंधा दरवाजा …

नहीं बेच सकता आत्मा

विवेक ओबरॉय (Vivek Oberoi) ने आगे कहा कि – मैं बहुत सी चीजों को लेकर परेशान था. मैंने बहुत टेंशन ले रखी थी. इसका कोई फायदा नहीं था. विवेक ने बताया कि बिजनस हमेशा उनका प्लान बी था. मैंने तय किया कि सिनेमा मेरा पैशन रहेगा और रोजी-रोटी बिजनस से चलेगी. इससे मुझे आजादी मिली और मैं लॉबी के जाल से भी बाहर आ गया. अपनी आत्मा बेचनी पड़े या किसी की चापलूसी मेरे लिए तो जीने का तरीका नहीं था. कुछ लोग इससे रोजी चलाते हैं लेकिन मैं नहीं.