रायपुर- शहर की सड़कों पर नजर दौड़ा ले, ऐसी कोई जगह नहीं मिलेगी, जहां आपको वीवो और ओप्पो के मोबाइल के होर्डिंग्स नजर ना आ जाए. मोबाइल कंपनियों की आक्रामक प्रचार रणनीति के तहत उपभोक्ताओं को आकर्षित करने का यह सबसे सटिक तरीका है. शायद यही वजह भी है कि जिस तेजी से वीवो और ओप्पो के मोबाइल फोन की बिक्री में इजाफा हुआ है, शायद दूसरी कपंनियों का नहीं हुआ. लेकिन छत्तीसगढ़ में वीवो और ओप्पो की इसी प्रचार रणनीति का विरोध शुरू हो गया है.

स्वदेशी जागरण मंच ने इस मोबाइल कंपनियों के प्रचार के तरीकों पर आवाज बुलंद की है. मंच की दलील है कि भारतीय सीमाओं पर चीन का हस्तक्षेप बढ़ा है. इसलिए चीन के उत्पादों का बहिष्कार किया जाना चाहिए. स्वदेशी जागरण मंच का कहना है कि वीवो और ओप्पो जैसी मोबाइल कंपनियों की चमचमाती होर्डिग्स और ग्लोसाइन बोर्ड लोगों को आकर्षित करती हैं. इस आकर्षण की वजह से ही उपभोक्ता मोबाइल खरीदने का मन बनाता है और चीनी उत्पाद खरीद लेता है.

मंच के पदाधिकारी अमरजीत सिंह छाबड़ा ने लल्लूराम डाॅट काॅम से हुई बातचीत में कहा कि चीनी उत्पादों के प्रचार-प्रसार पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर हाल ही में मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह से भी मुलाकात हुई थी. मंच ने उनसे अपील की है कि इस मामले में सरकार की ओर से जरूरी कदम उठाये जाए. उन्होंने कहा कि मंच की ओर से जिलों के कलेक्टरों को भी ज्ञापन देकर मांग की जाएगी कि अपने-अपने स्तर पर चीनी उत्पाद के प्रचार-प्रसार पर रोक लगाने जरूरी कदम उठाये जाए. साथ ही चेंबर आफ कामर्स से भी चीनी कंपनियों के उत्पादों के प्रचार नहीं किए जाने का प्रस्ताव पारित करने की मांग की जाएगी. छाबड़ा ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच की ओर से आने वाले दिनों में आम लोगों से चीनी उत्पाद नहीं खरीदने की अपील के साथ मानव श्रृंखला निकाली जाएगी.

अमरजीत छाबड़ा बताते हैं कि विश्व व्यापार समझौते में विज्ञापन को लेकर कुछ नहीं कहा गया है, मांग के मुताबिक वस्तुएं आएंगी और बिकेंगी, यही समझौता किया गया है. व्यापारी यदि चीनी उत्पाद बेच रहे हैं, तो बेचे, लेकिन उसका प्रचार ना करें. यह देश की अस्मिता से जुड़ा मामला है. इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाए जाने की जरूरत है.