तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने रविवार को चुनाव आयोग पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं को वोटर्स से जुड़ी चुनिंदा सूचनाएं लीक करने का आरोप लगाया और उसे बीजेपी का ही विस्तारित निकाय करार दिया. टीएमसी ने दावा किया कि पिछले एक महीने में पश्चिम बंगाल में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से संबंधित तनाव के कारण चार बीएलओ सहित कम से कम 40 लोगों की जान चली गई. उसने आरोप लगाया कि इन मौतों के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है और मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के हाथ खून से सने हैं.

वरिष्ठ टीएमसी नेताओं ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सवाल उठाया कि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान चरणों की संख्या की भविष्यवाणी और यह घोषणा कैसे की कि एसआईआर प्रक्रिया में एक करोड़ लोगों के नाम हटा दिए जाएंगे.

बीजेपी पर टीएमसी का क्या है आरोप?

वरिष्ठ मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने दावा किया कि अधिकारी जैसे बीजेपी नेताओं ने कहा कि राज्य में चुनाव 2021 की तरह आठ चरणों के बजाय दो से तीन चरणों में कराए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग वास्तव में स्वायत्त है, तो बीजेपी नेता चरणों की संख्या या एसआईआर के समय के बारे में इतने विश्वास के साथ कैसे बोल सकते हैं?

आम लोगों में डर की भावना

टीएमसी सांसद पार्थ भौमिक ने कहा कि पहले दिन से ही शुभेंदु अधिकारी और अन्य बीजेपी नेताओं ने बार-बार यह दावा करके आम लोगों में डर की भावना पैदा की है कि राज्य में मतदाता सूची से एक करोड़ नाम हटा दिए जाएंगे. भौमिक ने कहा कि उन्हें यह आंकड़ा कैसे पता चला?

चुनिंदा जानकारी लीक करने में व्यस्त

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग हमारे सवालों का जवाब देने के बजाय, बीजेपी की दुष्प्रचार मशीन को चुनिंदा जानकारी लीक करने में व्यस्त है. आयोग एक तटस्थ संस्था के रूप में काम करने के बजाय बीजेपी के विस्तारित निकाय के रूप में काम कर रहा है. हालांकि, चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि वे नेताओं द्वारा किए गए दावों पर टिप्पणी नहीं कर सकते.

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