खटीमा/देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू हो चुका है। शाम 6 बजे तक राज्य के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। राज्य विधानसभा की सभी 70 सीटों पर कुल 632 उम्मीदवार अपना-अपना भाग्य आजमा रहे हैं और राज्य के 82,66,644 मतदाता इनके भाग्य का फैसला कर रहे हैं। राज्य में मतदान के लिए 11,697 बूथ बनाए गए हैं। इनमें से 776 बूथ क्रिटिकल और 1050 बूथ वनरेबल है।

बड़े नेताओं की बात करें तो वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी , कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल , सतपाल महाराज , मदन कौशिक, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, धन सिंह रावत, अरविंद पांडे, रेखा आर्य, गणेश गोदियाल और प्रीतम सिंह सहित कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा इस चुनाव में दांव पर लगी है।

दरअसल , राज्य में अब तक एक चुनावी इतिहास रहा है कि कोई भी पार्टी राज्य की सत्ता में लगातार दूसरी बार वापसी नहीं कर पाई है। हालांकि आईएएनएस से बात करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में इस तरह के कई मिथक टूटे हैं और असम , एवं हरियाणा की तरह उत्तराखंड में भी लगातार दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने जा रही है।

इस पहाड़ी राज्य में मुख्य मुकाबला सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच ही दिखाई दे रहा है लेकिन कई सीटों पर बसपा, आम आदमी पार्टी और यूकेडी भी चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं।

कोविड के खतरे को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग की तरफ से बूथ पर भी कई तरह के इंतजाम किए गए हैं। मतदान केंद्र पर प्रवेश से पहले सभी मतदाता की थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था की गई है। मतदाताओं के लिए मास्क अनिवार्य है और हर मतदाता को बूथ पर ग्लव्स देने की भी व्यवस्था की गई है।

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 70 में से 57 सीटों पर जीत हासिल हुई थी और इस बार भाजपा राज्य में 60 से ज्यादा सीटों के साथ सरकार बनाने का दावा कर रही है। सरकार बनते ही राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने के लिए कमेटी बनाने की घोषणा कर मुख्यमंत्री धामी ने एक बड़ा राजनीतिक दांव खेल दिया है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत दावा कर रहे हैं कि उत्तराखंड में भाजपा की यह रणनीति काम नहीं करेगी और इस बार जनता कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है।

दोनों दलों के दावों के बीच राज्य की जनता अपनी नई सरकार चुनने के लिए मतदान कर रही है। जनता ने अपना आशीर्वाद किसे दिया , यह 10 मार्च को मतगणना में ही साफ हो पायेगा।