शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश के वेयरहाउस संचालकों ने खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की अपर मुख्य सचिव स्मिता भारद्वाज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वेयरहाउस संचालक शनिवार को एकजुट हुए और कई तरह के आरोप लगाए संगठन का वेयरहाउस ऑनर्स मध्य प्रदेश का कहना है कि नए आदेश जो विभाग से निकाला गया है इससे किसान और वेयरहाउस संचालक दोनों परेशान होंगे। नए आदेश में गोदाम में एक भी बोरी गेहूं मिली तो भंडारण की इजाजत नहीं रहेगी ये सरासर अन्याय है।
वेयरहाउस संचालकों का कहना है कि अपर मुख्य सचिव ने बिना चर्चा किए आदेश जारी कर दिया। पहले अगर कोई भी फैसला हमसे जुड़ा हुआ होता था तो पहले समिति की एक बैठक बुलाई जाती थी और उसके बाद आदेश जारी किया जाता था। लेकिन इस बार हमारे से कोई भी चर्चा नहीं की गई और आदेश जारी कर दिया गया जिससे किसान और वेयरहाउस दोनों परेशान है।
संगठन के अध्यक्ष नवनीत रघुवंशी ने कहा- आदेश को लेकर प्रमुख सचिव से पिछले एक हफ्ते से लगातार मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। हम मध्य प्रदेश में लभगभ 6000 गोदाम संचालित कर रहे हैं। केंद्र सरकार की ग्रामीण भंडारण योजना के तहत लगभग 6000 करोड़ की लागत बैंकों से ऋण लेकर गोदाम का निर्माण कर मध्य प्रदेश शासन को अनाज भंडारण में सहयोग करते आ रहे हैं। लेकिन इस बार तानाशाही फैसला ले लिया गया।
वेयरहाउस संचालकों का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गोदाम को साढे चार माह के किराए की व्यवसाय गारंटी दी जाती थी जिसे बंद कर दिया गया। इस कारण व्यवसाय में नुकसान उठानी पड़ रहा है एवं बड़े उद्योगपतियों को 10 साल तक स्टील साइलो एवं साइलो बैग लगाने पर 8 से 10 माह की व्यवसाय गारंटी के तहत किराए का भुगतान किया जा रहा है। साईलों में भंडारण ना करके गोदाम में भंडारण करने से कई गोदाम संचालकों की व्यवसाय मिल जाएगा साथ ही उनका बैंक का लोन चुका जाएगा।
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