धीरज दुबे. कोरबा. जंगल में रहने वाले हाथियों का दल जब इंसानों के सड़क का इस्तेमाल करने लगें और रास्ते में गुजर रहे लोग ठिठक जाएँ. ऐसे दृश्य को क्या कहा जाना चाहिए. क्या इंसान और और जंगली जानवरों ने तादात्म्य स्थापित कर लिया है. क्या इंसानों और पशुओं के बीच कोई अनुबंध हो चुका है. जब हमने जंगल को उजाड़ना शुरू कर दिया है. फिर ऐसे में ये जंगली हाथी और जंगल के तमाम जानवर अब गाँव-शहर की ओर रूख करने लगे हैं.

आज भी जब भुलसीडीह और आमाडांड के रास्ते से जब हाथियों का कई छोटे-छोटे झुण्ड रास्ता पार करने लगे. रास्ते में लोग हाथियों को आश्चर्यचकित होकर देखते रह गए. जानकारी के अनुसार बीते कल से 42 हाथियों का दल भुलसीडीह पहुँचकर अपने घर जंगल को ही भूल गए हैं.

ग्रामीणों में हाथियों का खौफ है. बीते दिनों हाथियों के हमले से 5 लोगों की मौत हो चुकी है. बताते चलें कि सरगुजा, बस्तर, कोरबा, रायगढ़ से समय-समय पर हाथियों के हमले से मौतों की खबर लगातार सामने आतीं हैं. अब बता दें कि आज ये 42 हाथी अब भुलसीडीह से आमाडांड की ओर रूख कर चुके हैं.

देखिये वीडियो…

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