इंदौर. आयकर विभाग की टीम जब कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के निवास पर कार्रवाई कर रही थी,  उसी दौरान वहां चार संदिग्ध बाउंसर आ गए. काले कपड़े पहले यह बाउंसर्स उनके घर के बाहर बैठ गए, इस दौरान जब मीडिया कर्मियों ने उनसे सवाल किए तो वे कुछ नहीं बोले और वहां उसे उठकर कुछ दूर चलने के बाद भागने लगे. आशंका है कि किसी ने मुखबिरी के लिए उन्हें यहां भेजा था. बताया जा रहा है कि ओएसडी प्रवीण कक्कड़ जहां रहते हैं वहां फिलहाल केवल मीडियाकर्मियों को जाने की इजाजत ही दी गई है.

मुख्यमंत्री के करीबी है: प्रवीण जब पुलिस अधिकारी थे तभी उनके खिलाफ कई मामले सामने आए थे. प्रवीण कक्कड़ सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और कांतिलाल भूरिया के काफी करीबी माने जाते हैं. जब आयकर विभाग की टीम देर रात पहुंची तो कक्कड़ के परिवार के लोग घबरा गए थे. जब उन्हें पुख्ता हो गया कि ये सभी आयकर के अधिकारी हैं तो उन्होंने जांच में सहयोग किया. इसके अलावा भी मुख्यमंत्री के कई करीबियों के यहां छापा पड़ा है. पढ़े पूरी खबर…

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कौन हैं कक्कड़: प्रवीण कक्कड़ पूर्व पुलिस अधिकारी हैं, उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था. 2004 में नौकरी छोड़कर वे कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया के ओएसडी बने. दिसंबर 2018 में कमलनाथ के ओएसडी बन गए. बताया जा रहा है कि नौकरी में रहते हुए उनके खिलाफ कई मामले सामने आए, जिनकी जांच चल रही है.

कौन हैं राजेंद्र मिगलानी ये करीब 30 वर्ष से कमलनाथ से जुड़े हैं. जब कमलनाथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने मिगलानी को अपना सलाहकार नियुक्त किया. मुख्यमंत्री से कौन- कब मिलेगा इसके साथ ही उनके अन्य कामों को भी मिलगानी ही संभालते हैं, आयकर विभाग ने मिगलानी के दिल्ली में ग्रीन पार्क कॉलोनी स्थित घर पर कार्रवाई की है.

कौन हैं प्रतीक और अश्विन: प्रतीक जोशी और अश्विन शर्मा भोपाल के आर्म्ड डीलर हैं. दोनों आपस में रिश्तेदार भी हैं. आयकर विभाग ने घर से नौ करोड़ रुपए मिलने की पुष्टि की है. दोनों की सीएम हाउस तक सीधे पहुंच थी. बताया जा रहा है कि प्रवीण कक्कड़ इन्हीं के माध्यम से डीलिंग करता था. अश्विन शर्मा की कई भाजपा नेताओं से भी नजदीकी की बात सामने आई है.

सीआरपीएफ की ली मदद, एमपी की इनकम टैक्स को नहीं खबर: बताया जा रहा है कि इनपुट के बाद मारे गए छापे की जानकारी मध्य प्रदेश के भी आयकर के अधिकारियों को नहीं थी. दिल्ली की टीम ने प्रदेश पुलिस की मदद की जगह पहली बार सीआरपीएफ की टीम को छह गाड़ियों में दिल्ली से अपने साथ लेकर आई. आयकर विभाग की टीम दिल्ली से चार अप्रैल को भोपाल के लिए निकली. छापा मारने के लिए छुट्टी पर गई महिला कर्मियों को छुट्टी कैंसिल कर भोपाल बुलाया गया.

प्रतीक जोशी अश्विन शर्मा के यहां भी छापे: भोपाल में प्लेटीनम प्लाजा की छठी मंजिल पर प्रतीक जोशी और अश्विन शर्मा का निवास है. दोनों ही प्रवीण कक्कड़ के बेहद करीबी माने जाते हैं. यहीं पर दोनों के ऑफिस भी हैं. प्रवीण कक्कड़ जब भी भोपल में रहते इन प्रतीक जोशी अश्विन शर्मा से मिलने आते थे.

कार से मिले डॉलर: आयकर विभाग को प्लेटीनम प्लॉजा की पॉर्किंग में अश्विन की करीब दो दर्जन लग्जरी कारें मिली हैं. इसमें आधा दर्जन विंटेज कारें भी शामिल हैं. आयकर विभाग की टीम ने कारों की तलाशी भी ली है. उधर दिल्ली में मृगलानी की दो लग्जरी कारों से टीम ने डॉलर बरामद किए हैं.

हवाला और ट्रांसफर कराने का है करोड़ों रुपया : बताया जा रहा है कि बीते दिनों जबलपुर में पकड़े गए हवाला कारोबारी लालवानी के यहां आयकर विभाग ने छापा मारा था. भोपाल में भी कुछ दिन पहले एक हवाला गिरोह पकड़ाया था. मामले में बड़े नाम आने के बाद इसे रफा-दफा कर दिया गया. इसके बाद इसकी सूचना दिल्ली में आयकर विभाग के अधिकारियों को दी गई थी इसके बाद आज ये कार्रवाई की गई. भोपाल में बरामद 9 करोड़ रुपए के लेकर ये भी कहा जा रहा है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर हुए तबादलों के दौरान हुए लेनदेन के बाद ये पैसा अश्विन के पास रखा हुआ था.

चुनाव के लिए दिया था इस्तीफा:  अभी तक आयकर विभाग की टीम ने नौ करोड़ रुपये बरामद किए हैं. कक्कड़ ने कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद दिसंबर 2018 में ओएसडी का पद संभाला था और आम चुनाव की घोषणा के बाद इस पद से इस्तीफा दे दिया था. मिगलानी ने छिंदवाड़ा में चुनाव प्रबंधन के लिए हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दिया था. छापे के बाद अश्विन शर्मा ने कहा है कि वो भाजपा का आदमी है.

एनजीओ संचालक और आर्म्ड डीलर : बताया जा रहा है भोपाल में प्लेटीनम प्लाजा की पांचवी और छठी मंजिल का मालिकाना हक अश्विन के पास है. यहां उसके करीब 15 फ्लैट है, इनकी कीमत करोड़ों रुपए है. वो आर्म्ड डीलिंग के अलावा कई एनजीओ भी चलाता है. अश्विनी शर्मा को आईटी की टीम पूछताछ के लिए भोपाल के आईटी के मुख्यालय लेकर गई है. जब अश्विन से कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि वो नहीं जनता कि कार्रवाई क्यों हुई है. इतना ही नहीं उसने यह भी कहा कि वह कांग्रेस के नही बीजेपी का आदमी हैं. अश्विनी शर्मा ने बताया की ना तो वह न तो मुख्यमंत्री कमलनाथ को जानता हैं और न ही प्रवीण कक्कड़ को.