प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बाढ़ ने जीवन को कठिन बना दिया है. बाढ़ पीड़ित अब दोहरी मार झेल रहे हैं. बाढ़ से बचने के लिए उन्होंने छतों पर ठिकाना बना लिया है, लेकिन लगातार हो रही बारिश ने उनकी स्थिति को और भी मुश्किल बना दिया है. इसके अलावा घर में चोरी की आशंका के चलते लोग अपना घर भी नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. स्थानीय लोग जुगाड़ करके एक दूसरे की छतों से होकर आवाजाही कर रहे हैं.
प्रयागराज के डीएम रविंद्र कुमार मांडड ने एनडीआरएफ के साथ बघाड़ा इलाके का निरीक्षण किया और बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. हालांकि, कुछ बाढ़ पीड़ित अब भी प्रशासन की मदद का इंतजार कर रहे हैं. छोटा बघाड़ा इलाके के सैकड़ों घर बाढ़ के पानी में समा गए हैं. बाढ़ से बचने के लिए लोग अपना सामान छतों पर रखे हुए हैं, लेकिन बीच-बीच में हो रही बारिश उनके लिए नई मुसीबत बन गई है. लोग एक दूसरे की छतों पर जुगाड़ करके आ-जा रहे हैं ताकि बाढ़ से बच सकें. इलाके में जहां पहले गाड़ियां चलती थीं, अब वहां नावें चल रही हैं और लोग कमर तक पानी में निकलने को मजबूर हैं.
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बाढ़ के कारण अधिकांश इलाकों में बिजली की सप्लाई भी ठप हो गई है, जिससे चोरी का डर भी बना हुआ है. बाढ़ राहत शिविरों में भी लोग नहीं जा पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं उनके घर का सामान चोरी न हो जाए. प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण सलोरी, छोटा बघाड़ा, दारागंज और राजापुर जैसे इलाके बाढ़ के पानी से घिर गए हैं. सड़कें, मकान और दुकानें सब पानी से भर गई हैं. अब यहां सड़कों में गाड़ी की जगह नाव चल रही है.
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