Wayanad Lok Sabha Bypoll: केरल का वायनाड लोकसभा सीट एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस बार इसकी वजह कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को आगामी लोकसभा उपचुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। साथ ही वायनाड लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। वायनाड सीट पर राजनीति की शुरुआत करने जा रहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गांधी, “एक्सीडेंटल पॉलिटिशियन” के रूप में पहचान बनाने वाली भाजपा (BJP) उम्मीदवार नव्या हरिदास (Navya Haridas) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी (Sathyan Mokeri) के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा।

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ये सीट पहले उनके भाई राहुल गांधी के पास थी। राहुल के सीट छोड़ने के बाद 52 वर्षीय प्रियंका के चुनावी मैदान में उतरने को कांग्रेस पार्टी की रणनीतिक चाल के तौर पर देखा जा रहा है। प्रियंका गांधी कांग्रेस की राजनीति में पर्दे के पीछे से तो काफी लंबे समय से सक्रिय रही हैं. 1990 के दशक के आख़िरी वर्षों से ही वो अपनी मां सोनिया गांधी के चुनाव अभियानों का जिम्मा संभालती रही हैं। इसके अलावा 2004 में जब उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से राहुल गांधी सक्रिय राजनीति में आए तो प्रियंका गांधी ने ही उनके लिए जोरदार जनसंपर्क अभियान चलाया था।

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हालांकि उन्होंने खुद को बैकग्राउंड में ही रखा. पहली बार उनकी राजनीति में आधिकारिक एंट्री 2019 को लोकसभा चुनाव से पहले हुई जब उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनावी अभियान का प्रभारी बनाया था। लेकिन कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली थी। इसके बाद 2022 में यूपी के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। तब उनके आलोचकों ने कहा था कि प्रियंका गांधी के तौर पर कांग्रेस का तुरूप का पत्ता चूक गया।

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हालांकि कांग्रेस की राजनीति को समझने वाले विश्लेषकों का मानना है कि ये बिल्कुल सही समय है। कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया और वो संसद में काफी मुखर नज़र आ रही है। प्रियंका भी लोकसभा पहुंचती हैं तो वह अपने भाई के साथ मिल कर मोदी सरकार को और अच्छी तरह से घेर सकती हैं। वायनाड उनके लिए आसान सीट साबित हो सकती है क्योंकि राहुल गांधी यहां काफी लोकप्रिय साबित हुए हैं।

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बीजेपी की एक्सीडेंटल उम्मीदवार सिंगापुर और नीदरलैंड में कर चुकी हैं काम

बीजेपी उम्मीदवार नव्या हरिदास पेशेवर और राजनीतिक अनुभव का मिश्रण लेकर मैदान में उतरी हैं। उन्हें “एक्सीडेंटल पॉलिटिशियन” कहा जा रहा है। हरिदास राजनीति में आने से पहले सिंगापुर और नीदरलैंड में काम कर चुकी हैं। भारत वापस आने के बाद वह कोझिकोड निगम में दो बार पार्षद रहीं और वर्तमान में भाजपा के लिए महिला मोर्चा की राज्य महासचिव के रूप में काम करती हैं। नव्या ने बताया कि जब वह 2015 में अपने बच्चों के साथ छुट्टियां मनाने कोझिकोड गईं तो कैसे आकस्मिक राजनीतिज्ञ बन गईं। उन्होंने कहा, “चुनाव का समय था, और भाजपा ने मेरे परिवार की संघ परिवार की पृष्ठभूमि को देखते हुए मुझे टिकट देने के लिए संपर्क किया। मुझे निगम में सामान्य सीट से मैदान में उतारा गया। रातों-रात मैं उम्मीदवार बन गई। मेरी योजना थी कि अगर मैं हार जाती तो सिंगापुर लौट जाती. लेकिन मैं कभी वापस नहीं लौटी और एक के बाद एक दो चुनाव जीत गई। नव्या हरिदास 2021 के विधानसभा चुनाव में कोझिकोड दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, जहां वह तीसरे स्थान पर रहीं थी।

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वाम मोर्चे की मजबूत आवाज रहे हैं सत्यन मोकेरी 

सीपीआई उम्मीदवार सत्यन मोकेरी तीसरे बड़े नाम हैं. मोकेरी केरल की राजनीति में लंबे करियर वाले एक अनुभवी राजनेता हैं। अक्सर केरल विधानसभा के दहाड़ते शेर के रूप में जाने जाने वाले मोकेरी वाम मोर्चे की एक मजबूत आवाज रहे हैं। वे एक अनुभवी कम्युनिस्ट नेता हैं. स्वतंत्रता सेनानी पी केलप्पन नायर और कल्याणी मोकेरी के घर जन्मे, उन्होंने अखिल भारतीय छात्र संघ (एआईएसएफ) इकाई के सचिव के रूप में सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया था।

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