रायपुर। प्रदेश के वाणिज्य व उद्योग मंत्री कवासी लखमा आज न्यू-सर्किट हाउस रायपुर में नई औद्योगिक नीति पर आयोजित वेबीनार में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए छत्तीसगढ़ में नई औद्योगिक नीति 2019-24 लागू की गई है. उद्योग मंत्री ने कहा कि बी-स्पोक पॉलिसी के तहत राज्य को इस्पात क्षेत्र का हब बनाने, वृहद, मेगा, अल्ट्रा मेगा उद्योगों की स्थापना या विस्तार करने पर विशेष पैकेज प्राप्त होगा. प्रत्येक इकाई को 500 करोड़ रूपए तक की सहायता राशि प्रदान की जाएगी. बस्तर संभाग में उद्योग स्थापित करने पर यह सहायता राशि दोगुनी कर 1000 करोड़ रूपए तक दी जाएगी.
मुख्यमंत्री की मंशा है कि राज्य में उद्योग लगेगा तो छत्तीसगढ़ के निवासियों को रोजगार मिलेगा और पलायन नहीं होगा और क्षेत्र का विकास होगा. इसके लिए राज्य सरकार ने उद्योगों को जमीन, बिजली दर में रियायत, अनुदान सहायता, विभिन्न स्वीकृतियां प्रदान करने सहित सुविधाजनक व्यवस्था की है. उद्योग मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अच्छी उद्योग नीति बनाई है और उद्योग लगाने का काम उद्योगपतियों का है. राज्य शासन ने स्टील उद्योग के क्षेत्र में बस्तर के लिए विशेष पैकेज देने से इस क्षेत्र का विकास होगा. उन्होंने विशेष रूप से बस्तर को औद्योगिक रूप से विकसित करने पर बल दिए जाने की बात कही.
उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि औद्योगिक नीति 2019-24 में संशोधन में उद्योगपतियों की मांगों की पूर्ति करते हुए स्थायी पूंजी निवेश अनुदान को पुनः सूक्ष्म, लघु व मध्यम सभी उद्योगों के लिए लागू किया गया. जिसमें 1.20 करोड़ रूपए तक के अनुदान दिए जाएंगे. अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के उद्यमियों के लिए पृथक, आर्थिक पैकेज लाया गया है, जिसमें प्रत्येक इकाई को 1.50 करोड़ रूपए तक के विभिन्न अनुदान दिए जाएंगे. औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन पर 60 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की जाएगी. युवा उद्यमियों को बढ़ावा देने ‘स्टार्ट अप‘ के लिए पृथक पैकेज लाया गया है. सभी अनुदान मिलाकर कुल 1.25 करोड़ रूपए तक का अनुदान प्रत्येक स्टार्ट अप को दिया जाएगा.
उद्योग मंत्री ने उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि वनांचल पैकेज के अंतर्गत वनोपज, हर्बल, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्माण में लगे, पिछड़े तथा अति पिछड़े क्षेत्रों के लघु उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके तहत 2.50 करोड़ रूपए तक का स्थायी पूंजी निवेश अनुदान के साथ औद्योगिक नीति में लिखे सभी प्रकार के अनुदान दिए जाएंगे. अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति वर्ग के उद्यमियों को 10 प्रतिशत अधिक अनुदान दिया जाएगा. इसके अंतर्गत लैंड बैंक की जमीन में 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी.
वेबीनार में उरला एसोशिएशन के अध्यक्ष अश्वनी गर्ग ने कहा कि प्रदेश में 20 वर्ष में पहली बार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएं दी गई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा उद्योगपतियों के सभी सुझावों को नई औद्योगिक नीति में शामिल किया है. उद्योगपति विजय झवर ने कहा कि राज्य बनने के बाद नई औद्योगिक नीति प्रदेश के विकास के लिए नई ऊर्जा का काम करेगा. उन्होंने नई औद्योगिक नीति में बी-स्पोक पॉलिसी एवं राज्य के पिछड़े क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं को उद्योग के लिए हितकारी बताया.
छत्तीसगढ़ प्लास्टिक संघ के अध्यक्ष संतोष जैन ने नई औद्योगिक नीति को प्रदेश के विकास के लिए उपयोगी बताया. उन्होंने शहर के छोटे-छोटे उद्योगों के लिए शहर से दूर जमीन की मांग की. रोलिंग मिल ऐसोशिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार के नई औद्योगिक नीति के तहत स्थानीय स्तर पर उद्योग लगेंगे और स्थानीय क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा, जिससे क्षेत्र का विकास होगा. उन्होंने नई औद्योगिक नीति में उद्योगों को दी जाने वाली बिजली दर में रियायत, अनुदान सहायता, विभिन्न स्वीकृतियां प्रदान करने की सुविधाजनक व्यवस्था करने के लिए एकल विंडो प्रणाली की सराहना की. नई औद्योगिक नीति की परिचर्चा में चैम्बर ऑफ कामर्स के कार्यकारी अध्यक्ष ललित जयसिंह सहित औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं उद्योग विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे.