कुमार इंदर, जबलपुर। बच्चों के लिए आरक्षित खेल मैदान पर शादी समारोह व अन्य आयोजन करने को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अनुमति को चुनौती संबंधी जनहित याचिका पर जवाब-तलब किया है। प्रकरण में राज्य शासन, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त व पुलिस अधीक्षक जबलपुर, एसडीएम व थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर मामले में जवाब मंगा है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य शासन और जिला प्रशासन के अधिकारियों से पूछा है कि, आखिर आवासीय क्षेत्र में सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए आरक्षित खेल मैदान का कमर्शियल का उपयोग किस बेस पर किया जा रहा है, हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की बेंच ने इस मामले में सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, कलेक्टर जबलपुर, नगर निगम आयुक्त जबलपुर और पुलिस अधीक्षक जबलपुर के अलावा एसडीएम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
बतादें कि, जबलपुर निवासी दीपक चांदवानी की ओर से एक याचिका लगाई गई, जिसमें दलील दी गई है कि जबलपुर के घमापुर थाना इलाके में आने वाले झंडा चौक में बना मैदान बच्चों के खेलने के लिए आरक्षित है। लेकिन खेल मैदान में शादी व अन्य समारोह का आयोजन किया जाता है। जिससे रात तक डीजे बजता है और परेशानी लोगों को उठानी पड़ती है। यही नहीं याचिका में यह भी दलील दी गई कि इस समारोह से होने वाली गंदगी के कारण भी बच्चे मैदान में खेल नहीं पाते।
वहीं देर रात तक मैदान में सामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। जिससे लोगों का निकलना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि, इस बाबत कई बार शिकायत की गई। लेकिन स्थानीय अधिकारियों और पुलिस के द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। लिहाजा उन्हें मजबूरी में कोर्ट की शरण लेना पड़ा।
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