केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए राज्यसभा में बाबा साहब पर जो बयान दिया था, उसे विपक्ष ने आंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया है और उनके इस्तीफे की मांग की है. आपने भी उस वीडियो को देखा होगा. 11 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें शाह पर हमला किया जा रहा है. इसी बीच, प्रेस इन्फर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस मामले में तथ्यों की जांच की.
विपक्ष के आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को शाह को घेरते हुए कहा, ‘गृहमंत्री ने जो आज भरे सदन में बाबासाहेब का अपमान किया है, उससे ये फिर एक बार सिद्ध हो गया है कि ‘भाजपा-आरएसएस तिरंगे के खिलाफ थे. उनके पुरखों ने अशोक चक्र का विरोध किया. संघ परिवार के लोग पहले दिन से भारत के संविधान के बजाय मनुस्मृति लागू करना चाहते थे.
विरोधी पक्ष ने शाह के भाषण का एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा, ‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.’
फैक्ट चेक
PIB की फैक्ट चेक यूनिट ने भी इस बारे में एक वीडियो साझा किया है, जिसमें कहा गया है, “सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर आपत्तिजनक बयान दिया है.’ PIB ने स्पष्ट किया कि यह आरोप गलत है, कहते हुए, ‘क्लिप्ड वीडियो में केन्द्रीय मंत्री के भाषण के चुनिंदा हिस्से को गलत तरीके से पेश किया गया है.’
अमित शाह का जवाब
शाह ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘कल से कांग्रेस ने जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है, वह अत्यंत निंदनीय है. मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं.’ उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह सपने में भी संविधान निर्माता का अपमान नहीं कर सकते हैं.
शाह ने कहा, ‘कांग्रेस ने न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया. सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की हिमाकत कांग्रेस के शासन में हुई.’ शाह ने कहा कि वह उस पार्टी से आते हैं जो सपने में भी बाबा साहेब का अपमान नहीं कर सकती थी: ‘जब यह पूरा सत्य उजागर हो गया तो कल से कांग्रेस ने फिर एक बार अपनी पुरानी पद्धति को आजमाते हुए बातों को तोड़ मरोड़ कर और सत्य को असत्य के कपड़े पहना कर समाज में भ्रांति फैलाने का प्रयास किया है.’
आंबेडकर पर शाह ने क्या दिया था पूरा बयान
संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने राज्यसभा में जो भाषण दिया, उसके पहले ग्यारह सेकंड कापार्ट आपने सुन लिए, लेकिन अब हम उसके अगले हिस्से को सुनेंगे. शाह ने कहा, “हमे तो आनंद है कि आंबेडकर का नाम लेते हैं.” ”तुम एक सौ बार भी आंबेडकर का नाम लो, लेकिन आंबेडकर जी के प्रति तुम्हारी भावना भी बताता हूँ. आंबेडकर को देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा देने का कारण बताते हुए आंबेडकर ने कई बार कहा था कि अनुसूचित जाति और जनजातियों के प्रति हो रहे व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूँ. “आंबेडकर जी को आश्वासन दिया गया, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया, बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया,” शाह ने कहा, “सरकार की विदेश नीति से मैं असहमत हूं और अनुच्छेद 370 से मैं असहमत हूं.”
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