चंडीगढ़ : भाखड़ा बांध में पानी की आवक कम होने के कारण जलस्तर में यह कमी देखी गई है। वर्तमान में भाखड़ा से लगभग 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसमें से 50 हजार क्यूसेक सतलुज नदी में छोड़ा जा रहा है। भाखड़ा से छोड़े गए पानी का असर रूपनगर से लुधियाना और आगे हरिके हेडवर्क्स तक देखा जा रहा है। बीते दिन लुधियाना के ससराली में धुस्सी बांध की मिट्टी खिसक गई थी, जिसके बाद वहां सेना बुलाई गई। सेना और प्रशासन मिलकर बांध को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

अमृतसर में जल संसाधन विभाग के कार्यकारी अभियंता गुरबीर सिंह ने बताया कि नदी के जलस्तर में कमी और पहाड़ों से कम पानी आने के कारण खेतों का पानी अब नदी में वापस आ रहा है। इससे मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। घोनेवाल, माछीवाल और कोट राजदा में सिंकहोल भरने का काम शुरू हो गया है। हालांकि, 5 अन्य स्थानों पर मशीनरी और ट्रैक्टर-ट्रक नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहां पहुंचने के लिए रास्ता तैयार किया जा रहा है, जिसके बाद काम शुरू होगा।

पंजाब में बाढ़ की स्थिति

पंजाब के 23 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें 1948 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में अमृतसर (190 गांव), गुरदासपुर (329), बरनाला (121), बठिंडा (21), फिरोजपुर (102), होशियारपुर (169), कपूरथला (145), पठानकोट (88), मोगा (52), जालंधर (74), फाजिल्का (79), फरीदकोट (15), लुधियाना (64), मुक्तसर (23), एसबीएस नगर (28), एसएएस नगर (15), संगरूर (107), मानसा (95), मलेरकोटला (12), पटियाला (105), रूपनगर (44) और तरनतारन (70) के गांव शामिल हैं।